
पुतिन ने US से तोड़ा परमाणु समझौता,
Plutonium Disposal Agreement: रूस ने अमेरिका के साथ लंबे समय से चले आ रहे प्लूटोनियम डिस्पोजल एग्रीमेंट को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया है। इस समझौते को खत्म करने से जुड़ा कानून राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साइन कर दिया है, जिससे यह एग्रीमेंट अब पूरी तरह निष्क्रिय हो गया है। यह समझौता परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाले हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम के निपटान के लिए दोनों देशों के बीच 2000 में हुआ था।
समझौते के तहत रूस और अमेरिका को 34 टन हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का निपटान करना था। उस समय यह कदम शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की होड़ को नियंत्रित करने की दिशा में एक अहम पहल माना गया था। हालांकि, हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों में आई खटास ने इस समझौते को कमजोर कर दिया।
रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा ने इस महीने की शुरुआत में विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसके बाद ऊपरी सदन फेडरेशन काउंसिल ने भी अपनी सहमति दे दी। सोमवार को पुतिन के हस्ताक्षर के साथ यह कानून लागू हो गया। रूस ने यह समझौता पहले भी 2016 में सस्पेंड किया था। उस वक्त रूस ने अमेरिका की ‘शत्रुतापूर्ण नीतियों’ और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को इसका कारण बताया था। अब इसे पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, जिससे संकेत मिलता है कि मॉस्को परमाणु नीति को लेकर अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है।
राष्ट्रपति पुतिन ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि रूस ने एक छोटी न्यूक्लियर एनर्जी यूनिट विकसित की है, जिसका उपयोग क्रूज मिसाइल में किया जा सकता है। इसके जरिए मिसाइल की रेंज को अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है, जो पारंपरिक मिसाइल तकनीक से कई गुना आगे है। उन्होंने बताया कि रूस की नई परमाणु ऊर्जा संचालित ‘बुरेवेस्टनिक’ क्रूज मिसाइल अब तैनाती के लिए तैयार है। यह मिसाइल 15 घंटे तक हवा में रही और लगभग 14,000 किलोमीटर (8,700 मील) की दूरी तय की। पुतिन ने दावा किया कि इस तरह की मिसाइल दुनिया के किसी और देश के पास नहीं है।
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रूसी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला और नई परमाणु तकनीक का प्रदर्शन पश्चिमी देशों के लिए स्पष्ट संदेश है रूस अब किसी भी प्रकार की सामरिक दबाव नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं, विश्लेषकों के मुताबिक, यह कदम रूस-यूक्रेन शांति प्रयासों पर असर डाल सकता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस का यह फैसला वैश्विक परमाणु संतुलन को अस्थिर कर सकता है।






