प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा (फोटो- सोशल मीडिया)
विंडहोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा ऐतिहासिक बन गई, जब विंडहोक में उनका भव्य स्वागत किया गया। पारंपरिक संस्कृति के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और स्थानीय कलाकारों ने स्वागत समारोह को जीवंत कर दिया। यह यात्रा भारत और नामीबिया के पुराने और भरोसेमंद रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। पीएम मोदी की यह पहली नामीबिया यात्रा है और 27 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ये तीसरी यात्रा है।
पीएम मोदी का स्वागत नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने किया। एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल रिलेशंस एंड कोऑपरेशन मिनिस्टर सेल्मा अशीपाला-मुसावी ने उन्हें रिसीव किया। कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री भी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। पीएम मोदी ने स्वर्गीय डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि दी और भारतीय समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि नामीबिया में भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहना गर्व की बात है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi receives ceremonial welcome and guard of honour at State House in Windhoek.
The PM received a 21-gun salute at the ceremonial welcome in Namibia.
(Video: ANI/DD News) pic.twitter.com/bqrot9ndUI
— ANI (@ANI) July 9, 2025
अफ्रीका में भारत की मजबूत उपस्थिति की मिसाल
भारत और नामीबिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में यह यात्रा अहम मानी जा रही है। 1946 में ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में नामीबिया की स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया था और उसके स्वतंत्र राष्ट्र बनने से पहले ही उसे मान्यता दी थी। आज दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार, खासतौर पर खनिज संसाधनों जैसे जस्ता, हीरा, यूरेनियम और लिथियम आदि में सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
कूनो में आए थे नामीबियाई चीते, सहयोग की नई मिसाल
भारत और नामीबिया के रिश्ते हाल ही में तब और गहरे हुए जब नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पुनर्वासित किया गया। पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल राजनयिक बल्कि सांस्कृतिक और सामुदायिक स्तर पर भी भारत-नामीबिया संबंधों को नई ऊंचाई देती है।
यह भी पढ़ें: इजराइल के इस अटैक से दुश्मन पूरी तरह से सन्न था, बोला- सपने में भी नहीं सोचा ऐसा
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत-अफ्रीका संबंधों को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने साफ कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान पर उन्हें गर्व है और वे इस सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक रणनीति में अफ्रीकी महाद्वीप की भूमिका को रेखांकित करती है और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच नई साझेदारियों के द्वार खोलती है।