
महापंचायत में राकेश टिकैत (Image- Social Media)
Kisan Mahapanchayat News: जमीन अधिग्रहण से प्रभावित छह जिलों के किसानों ने सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत आयोजित की। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हुई इस महापंचायत में संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि 14 जनवरी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे लखनऊ कूच करेंगे।
गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों से एक हजार से अधिक किसान महापंचायत में शामिल हुए। भाकियू कार्यकर्ता और किसान कारों व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिए सुबह दस बजे से जीरो प्वाइंट पर पहुंचने लगे। करीब पांच घंटे तक चली महापंचायत में तीनों विकास प्राधिकरणों से प्रभावित किसानों के 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा, 10 प्रतिशत विकसित भूखंड, आबादी निस्तारण और रोजगार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया।
राकेश टिकैत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा देने, जिले में जमीनों का सर्किल रेट बढ़ाने और नोएडा एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले किसानों को रोजगार में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी देने जैसी मांगें रखीं। उन्होंने किसानों की पुश्तैनी आबादी को न हटाने की भी मांग की और कहा कि परिवार बढ़ने से मकान निर्माण की समस्या खड़ी हो रही है।
एडीएम एलए बच्चू सिंह, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार सिंह और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी राम नयन सिंह किसानों से बातचीत करने पहुंचे और समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। अधिकारियों ने कहा कि किसानों की समस्याओं का चरणबद्ध तरीके से निस्तारण किया जा रहा है। एडीएम एलए ने बताया कि सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है और नए साल में इसकी घोषणा की जाएगी। किसान नेताओं ने जिला प्रशासन और प्राधिकरण को 14 जनवरी तक का समय दिया है। समाधान न होने पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। महापंचायत को देखते हुए जीरो प्वाइंट और आसपास के क्षेत्रों में कई थानों की पुलिस और पीएसी तैनात रही, वहीं ट्रैफिक पुलिस भी सतर्क रही ताकि जाम न लगे।
अरावली की पहाड़ियों की नई परिभाषा को लेकर चल रहे विवाद पर भी राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अरावली हमारी धरोहर है और यदि कोई इसे नष्ट करने की कोशिश करेगा तो हम इसे बचाएंगे। जरूरत पड़ी तो प्रदर्शन करेंगे और वहीं जाकर धरना देंगे।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नोएडा एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन प्रभावित किसानों को अब तक 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा, नौकरी और मकान बनाने के लिए जमीन का लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट चालू होने के बाद किसानों की कोई सुनवाई नहीं होगी। टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो 22 जनवरी के बाद एक ट्रैक्टर मार्च लखनऊ जाएगा, जिसमें एक गांव से एक ट्रैक्टर और 10 लोग शामिल होंगे। 15 दिन का राशन लेकर डेरा डाला जाएगा। जनवरी में प्रयागराज में होने वाले शिविर में आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
यह भी पढ़ें- भारत में लोकतंत्र पर हो रहा हमला…ED-CBI भाजपा के हथियार, जर्मनी में बोले राहुल गांधी






