
फॉस्फोरस का सेवन करने के फायदे (सौ.सोशल मीडिया)
Benefits Of Phosphorus: सर्दियों में शरीर की मजबूती के लिए सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए शरीर के लिए कई सारे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है लेकिन शरीर में लोग ज्यादातर कैल्शियम, आयरन या विटामिन्स की कमी ही बताते है लेकिन अक्सर ऐसा नहीं होता है। इसके अलावा भी कई मिनरल्स होती है इसमें ही फॉस्फोरस सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। अगर कैल्शियम हड्डियों की ईंट है, तो फॉस्फोरस उस ईंट को जोड़ने वाला सीमेंट है। अगर शरीर को चलाने के लिए ऊर्जा चाहिए, तो फॉस्फोरस एक पावर बैंक की तरह काम करता है।
आपको बताते चलें कि, यहां पर शरीर के लिए कैल्शियम के बाद फॉस्फोरस ही एक ऐसा मिनरल्स है जो हड्डियों और दांतों को मजबूती देता है। यह मिनरल्स शरीर में लगभग 85 प्रतिशत तक पाया जाता है। बाकी मांसपेशियों, खून और कोशिकाओं में काम करता है। यहां पर शरीर की हर हरकत, चलना, उठना, सोचना, सांस लेना, सबके लिए ऊर्जा चाहिए। यह ऊर्जा एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी) नाम के अणु से मिलती है और इस एटीपी को बनाने में फॉस्फोरस जरूरी है।
फॉस्फोरस का सेवन करने से दिमाग को फायदा मिलता है। यह मिनरल्स दिमाग की नसों और दिमाग के लिए बेहद जरूरी होता है। दिमाग से जो संकेत शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक जाते हैं, उन्हें सही तरीके से पहुंचाने में यह मदद करता है। यही वजह है कि फॉस्फोरस की कमी होने पर थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन और ध्यान लगाने में दिक्कत हो सकती है। यहां पर अगर किसी भी तरीके से फॉस्फोरस की कमी हो जाती है तो शरीर की मांसपेशियों को भी कमजोरी होती है। इसके अलावा हड्डियां नरम हो सकती हैं। बच्चों में रिकेट्स और बड़ों में ऑस्टियोमलेशिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।अगर फॉस्फोरस जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो खासकर किडनी के मरीजों में यह नुकसान कर सकता है। ज्यादा फॉस्फोरस हड्डियों से कैल्शियम खींच लेता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
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यहां पर फॉस्फोरस की शरीर में पूर्ति करने के लिए कई चीजों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप दालें, मूंगफली, सोयाबीन, दूध, दही, पनीर, काजू, बादाम, ओट्स और कद्दू के बीज को डाइट में शामिल कर सकते है। आयुर्वेद में फॉस्फोरस को अलग नाम से नहीं पुकारा गया, लेकिन इसे अस्थि धातु और मज्जा धातु के पोषण से जोड़ा गया है। आयुर्वेद मानता है कि अगर पाचन अग्नि ठीक है, तो शरीर जरूरी पोषक तत्वों को खुद ही सही अवशोषित कर लेता है।
आईएएनएस के अनुसार






