पाकिस्तान में बाढ़ (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इन दिनों भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। पूरे पाकिस्तान का आधा हिस्सा बारिश के बाद आई बाढ़ की चपेट में है। लगातार 10 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने कई लोगों की जान ले ली है। जानकारी के अनुसार, अब तक 72 लोग मौत के शिकार हो चुके हैं, जबकि 130 से अधिक लोग घायल हैं।
पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में 26 जून से लगातार भारी बारिश हो रही है। इस भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में कई मकान ढह गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और खेत पानी में डूब गए हैं।
लगातार बारिश के मद्देनजर पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने जनता से अधिक सावधानी बरतने की अपील की है। देश भर में हालात की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। NDMA ने खास तौर पर पाकिस्तान घूमने आए पर्यटकों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। प्राधिकरण ने बताया कि मौसम विभाग ने आगे भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे सड़कों पर जलभराव और अचानक बाढ़ आने का खतरा बना हुआ है।
This is the Soan River, which flows between Islamabad and Rawalpindi. There are also constructions along the path of this river, including DHA, Bahria Town, and several other housing societies, as well as a university located right on the edge. Today, due to heavy rainfall, the… pic.twitter.com/57INpsVrHE — Lawyer in Lahore 🇵🇰🐦 (@shafiquebloch) July 6, 2025
पाकिस्तान में पिछले महीने उत्तर पश्चिम के स्वात क्षेत्र में एक भयानक हादसा हुआ, जब एक परिवार के 17 सदस्य नदी में बह गए। इनमें से केवल 4 लोगों को बचाया जा सका, जबकि बाकी 13 का शव बाद में बरामद हुआ। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें परिवार के लोग छत पर फंसे हुए मदद के लिए पुकारते नजर आए। इस वीडियो ने प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर कर दी, जिसके कारण जनता में भारी रोष और नाराजगी फैल गई।
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विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि बारिश और बाढ़ का यही हाल रहा तो 2022 जैसे हालात हो सकते हैं। 2022 में बारिश और बाढ़ के कारण पाकिस्तान का लगभग एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया था। उस समय करीब 1,737 लोगों की जान चली गई थी।