PoK आंदोलन से शहबाज की उड़ी नींद, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan News Hindi: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल के उग्र प्रदर्शनों ने शहबाज शरीफ सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद मंत्रियों और नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुजफ्फराबाद भेजा। इस दल ने प्रदर्शनकारियों से दूसरा दौर की बातचीत की लेकिन तनाव अभी भी कायम है।
पिछले कुछ दिनों की हिंसा में 12 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। 29 सितंबर को हड़ताल के बुलावे के बाद PoK में हिंसा भड़क गई थी। अब तक छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी हताहत हो चुके हैं, जबकि लगभग 172 पुलिसकर्मी और 50 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पहले जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेताओं से बैठक की थी जिसमें व्यापारियों, स्थानीय नेताओं और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने हिस्सा लिया। शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने बताया कि मुजफ्फराबाद में दूसरे दौर की वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर के लोगों के अधिकारों के पक्ष में हैं। उनकी अधिकांश मांगें मान ली गई हैं, जबकि कुछ के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है। बातचीत जारी है और अशांति को खत्म करने के लिए जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
चौधरी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा के माध्यम से संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा केवल परिस्थितियों को और जटिल बना सकती है और इससे समाज में अस्थिरता बढ़ती है। चौधरी ने उम्मीद जताई कि गठित एक्शन कमेटी शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का संतुलित और प्रभावी समाधान निकालेगी, ताकि लोगों के बीच विश्वास और सामंजस्य कायम रहे।
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पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने PoK में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। आयोग ने कहा कि नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत, अत्यधिक बल का प्रयोग और संचार व्यवधान चिंताजनक हैं। आयोग ने कहा कि संवाद जरूरी है, लेकिन अगर क्षेत्र के लोगों को राजनीतिक रूप से लगातार वंचित रखा जाता है, तो यह संवाद प्रभावी नहीं हो सकता। शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार बनाए रखना चाहिए और शिकायतों का समाधान पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए।