अफगान के विदेश मंत्री, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Afghan Foreign Minister India Visit: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर आएंगे। नई दिल्ली में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि मुत्ताकी की भारत यात्रा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की संबंधित समिति ने विशेष छूट प्रदान की है।
जायसवाल ने कहा कि मुत्ताकी की नई दिल्ली यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा की पूरी जानकारी सार्वजनिक है और विदेश मंत्रालय इस संबंध में समय-समय पर अपडेट साझा करता रहेगा।
मुत्ताकी इस दौरे के दौरान भारत में कई उच्चस्तरीय अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। इनमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हैं। यह यात्रा पिछले कुछ महीनों से नई दिल्ली और तालिबान सरकार के बीच चल रहे कूटनीतिक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।
इससे पहले मुत्ताकी भारत आना चाहते थे, लेकिन उन्हें यात्रा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल जनवरी में भी विदेश सचिव विक्रम मिश्र और मुत्ताकी के बीच एक बैठक हुई थी, जो दोनों पक्षों के बीच जारी संवाद और सहयोग की दिशा में एक कदम थी। माना जा रहा है कि यह दौरा दोनो देशों के बीच संबंधों को और मजबूती देने और विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।
पिछले कुछ महीनों में अफगान अधिकारियों के कई दौरे नई दिल्ली में हुए हैं। इनमें चिकित्सा और खाद्य विभाग के उपमंत्री हम्दुल्ला जाहीद भी शामिल थे जो पिछले महीने फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर पर आयोजित 11वीं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में आए थे। इसके अलावा, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों से जुड़े तालिबान के एक अन्य शीर्ष अधिकारी ने भी पिछले महीने दिल्ली का दौरा किया और हाल ही में लौटे।
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जायसवाल ने बताया कि भारत अस्थायी अफगान सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। इसके तहत विदेश मंत्री और मुत्ताकी के बीच टेलीफोन वार्ता हुई है, और जॉइंट सेक्रेटरी और उनके अफगान समकक्षों के बीच भी बातचीत चल रही है। हाल ही में जब काबुल में भूकंप आया, उसी दिन भारत ने कुनार प्रांत में राहत सामग्री भेजी और बाद में चाबहार मार्ग से और मदद भेजी गई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)