पीएम नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (सोर्स- सोशल मीडिया)
Jammu And Kashmir: क्या जम्मू-कश्मीर को 6 साल बाद फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने वाला है? 5 अगस्त से पहले कुछ बड़ा होने की चर्चाओं के बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इसके अलावा मंगलवार सुबह एनडीए संसदीय दल की बैठक भी होने वाली है।
इन घटनाक्रमों के चलते चर्चा है कि क्या मोदी सरकार 5 अगस्त को फिर से कोई बड़ा फैसला लेगी। इससे पहले राम मंदिर का शिलान्यास और फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला भी 5 अगस्त की ही तारीख को लिया गया था। तब साल 2019 था।
इसके बाद से ही यह मांग उठ रही है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार कहते रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को सही समय पर पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा। सरकार ने राज्य का दर्जा देने से कभी इनकार नहीं किया, बस सही समय की बात की है।
ऐसे में सवाल ये है कि क्या अब सही समय आ गया है? कुछ बड़ा होने की अटकलें लगाई जा रही हैं और सबसे ज़्यादा चर्चा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की है। फारूक अब्दुल्ला के बयान से भी ऐसी अटकलें तेज़ हो गई हैं।
उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिलेगा। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने की छठी वर्षगांठ से एक दिन पहले ये मांग दोहराई है। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर की राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव कराने की भी मांग की है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे राज्य का दर्जा कब लौटाने वाले हैं? उन्होंने कहा था कि चुनाव और सरकार बनने के बाद दर्जा लौटा दिया जाएगा। अब उस वादे का क्या हुआ? अब वे कहते हैं कि विधानसभा की दो खाली सीटों पर चुनाव होंगे, लेकिन राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव कब होंगे? वे सदन में लोगों की आवाज़ उठाने के अधिकार को क्यों रोक रहे हैं।’
किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य या किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के लिए संसद में प्रस्ताव लाना पड़ता है। उस प्रस्ताव के दोनों सदनों से पारित होने और फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही उस पर निर्णय लिया जाता है। पीएम मोदी और अमित शाह ने संभवतः इसी प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए राष्ट्रपति से मुलाकात की है।
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2019 में पुनर्गठन अधिनियम पारित करके जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। अब उसी विधेयक में संशोधन करना होगा। इसके लिए संसद में एक नया संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा और फिर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।