
पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता पर भारत का जवाब (सोर्स- सोशल मीडिया)
Indian on Pakistan Democracy: भारत ने हाल ही में कहा कि “लोकतंत्र और पाकिस्तान एक साथ नहीं चल सकते।” यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें तेजी से फैल रही हैं, और वहां की सेना ने उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर तक बता दिया है। कमजोर लोकतंत्र के कारण पाकिस्तान लगातार संकट और लंबी राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल से मीडिया ने पूछा कि भारत पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति, इमरान खान की कैद और बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को कैसे देखता है। जवाब में उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान की घटनाओं पर नजर रखता है, लेकिन पाकिस्तान में लोकतंत्र की हालत लंबे समय से कमजोर है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र और पाकिस्तान एक साथ नहीं चलते हैं। इस पर जितनी कम बात की जाए, उतना अच्छा है।”
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता नई बात नहीं है। इमरान खान को 2022 में अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था। इसके बाद से उन्हें कई मामलों में गिरफ्तारियों और मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) लगातार यह मांग कर रही है कि इमरान खान के परिवार और पार्टी नेताओं को रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने दिया जाए।
3 दिसंबर को इमरान खान ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए और उन्हें मानसिक रूप से बीमार बताया। इसके जवाब में सेना ने इमरान खान को ही मानसिक रूप से अस्थिर करार दिया। इस बयानबाजी से पाकिस्तान में तनाव और बढ़ गया है। इमरान खान की बहन उज्मा खानम ने 2 दिसंबर को जेल में उनसे मुलाकात के बाद बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक है, लेकिन वे मानसिक यातना का सामना कर रहे हैं।
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पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही है। राजनीतिक लड़ाई, सेना की भूमिका और इमरान खान से जुड़े विवादों ने वहां की स्थिति को और अस्थिर बना दिया है। ऐसे माहौल में भारत का यह बयान पाकिस्तान की मौजूदा हालत और बढ़ते तनाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।






