सांकेतिक तस्वीर, (सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बेहद दर्दनाक आतंकी घटना सामने आई है। झोब इलाके में हथियारबंद हमलावरों ने एक चलती हुई बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों की तलाशी ली। यह बस क्वेटा से लाहौर जा रही थी और घटना N-40 हाईवे पर हुई। हमलावरों ने यात्रियों के पहचान पत्र चेक किए और उनमें से पंजाब प्रांत से ताल्लुक रखने वाले नौ पुरुषों को जबरन बस से उतारकर इन सभी की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान में हाल के समय की यह एक बड़ी आतंकी वारदात मानी जा रही है।
जिन यात्रियों का अपहरण किया गया था, उनमें से ज़्यादातर मंडी बहाउद्दीन, गुझरनवाला और वज़ीराबाद के रहने वाले थे। अगवा किए जाने के लगभग एक से डेढ़ घंटे के भीतर उनकी लाशें पास के पहाड़ी इलाके में एक पुल के नीचे बरामद हुईं। सभी को बेहद नज़दीक से गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था।
स्थानीय डिप्टी कमिश्नर हबीबुल्लाह मुसाखेल के मुताबिक, हमलावरों की तादाद 10 से 12 के बीच थी। उन्होंने सुरक्षा बलों पर रॉकेट-चालित ग्रेनेड (RPG) और स्वचालित हथियारों से हमला बोला और इसके बाद घटनास्थल से फरार हो गए। सुरक्षाबलों ने उनका पीछा किया, लेकिन हमलावर अब तक पकड़े नहीं जा सके हैं।
पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान प्रशासन ने इस घटना को एक सोची-समझी आतंकवादी साजिश बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि सरकार पहले ही एन-70 मार्ग पर रात के समय यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुकी थी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू की गई थीं। इसके बावजूद इस तरह की गंभीर चूक ने सुरक्षा इंतज़ामों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
यह भी पढे़ें:- 4 साल में 40 लाख मौतें! ट्रंप के इस फैसले से मंडराया दुनियाभर में खतरा
ईरान और अफगानिस्तान की सरहद से लगा बलूचिस्तान इलाका लंबे समय से उग्रवाद और हिंसक संघर्षों का गढ़ रहा है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, खनिज और समुद्री तटों से समृद्ध है, बावजूद इसके यह पाकिस्तान के सबसे गरीब और पिछड़े इलाकों में गिना जाता है। बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षा बलों, सरकारी विकास कार्यों और करीब 60 अरब डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजनाओं पर हमले करते रहते हैं।