
PAK में रिकॉर्ड स्तर पर ‘ब्रेन ड्रेन’, सांकेतिक फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Pakistan News In Hindi: पाकिस्तान इस समय ‘टैलेंट एक्सोडस’ यानी प्रतिभा पलायन के दौर से गुजर रहा है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता ने देश के पढ़े-लिखे और कुशल पेशेवरों को विदेश जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
हालिया सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 24 महीनों में पाकिस्तान ने करीब 5,000 डॉक्टर, 11,000 इंजीनियर और 13,000 अकाउंटेंट हट गए। ये आंकड़े ऐसे समय सामने आए हैं जब देश की सत्ता और सेना नेतृत्व लगातार ‘ब्रेन ड्रेन’ को खारिज करता रहा है।
सरकारी आंकड़ों के सामने आने के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर सोशल मीडिया पर आलोचना और मजाक का केंद्र बन गए हैं। दरअसल, कुछ महीने पहले उन्होंने अमेरिका में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए देश से हो रहे प्रतिभा पलायन को ‘ब्रेन ड्रेन’ नहीं, बल्कि ‘ब्रेन गेन’ करार दिया था। अब वही बयान सोशल मीडिया पर उनके लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है।
पूर्व सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर ने इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने लिखा कि अगर राजनीति सुधरेगी, तभी अर्थव्यवस्था संभलेगी। खोखर के मुताबिक, पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फ्रीलांसिंग हब है, लेकिन बार-बार इंटरनेट शटडाउन के कारण देश को करीब 1.62 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है और 23.7 लाख फ्रीलांसिंग नौकरियां खतरे में हैं।
पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट की रिपोर्ट भी हालात की गंभीरता बयां करती है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में 7.27 लाख से अधिक पाकिस्तानियों ने विदेश में नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं 2025 में नवंबर तक यह आंकड़ा 6.87 लाख तक पहुंच चुका है। चिंता की बात यह है कि अब यह पलायन केवल मजदूरों या खाड़ी देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर, नर्स और अकाउंटेंट जैसे व्हाइट-कॉलर प्रोफेशनल भी बड़ी संख्या में देश छोड़ रहे हैं।
सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान के मेडिकल सेक्टर पर पड़ा है। वर्ष 2011 से 2024 के बीच नर्सों के पलायन में 2144 प्रतिशत की चौंकाने वाली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार, यह ट्रेंड मौजूदा साल में भी जारी है।
हालात बिगड़ते देख शहबाज शरीफ सरकार ने एयरपोर्ट्स पर सख्ती बढ़ा दी है। 2025 में अब तक 66,154 यात्रियों को पाकिस्तानी एयरपोर्ट्स से ऑफलोड किया गया, यानी उन्हें विदेश जाने से रोक दिया गया। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी है। इसके अलावा, भीख मांगने और अवैध प्रवास के मामलों में हजारों पाकिस्तानियों को खाड़ी देशों और अन्य देशों से डिपोर्ट किया गया है।
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इसी पृष्ठभूमि में गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने ‘पेशेवर भिखारियों’ और अधूरे दस्तावेजों वाले यात्रियों के विदेश जाने पर रोक लगाने का ऐलान किया है। हालांकि सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि असली समस्या नीतियों और शासन व्यवस्था में है। एक X यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यह ‘ब्रेन गेन’ नहीं, बल्कि खुला ‘ब्रेन ड्रेन’ है।






