
पाकिस्तान में आसिम मुनीर का जिरगा, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Asim Munir Statement: सीमा तनाव और आतंकवाद के आरोपों के बीच पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर तल्ख़ हो गए हैं। हाल ही में आयोजित जिरगे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अफगानिस्तान पर आरोप लगाया कि काबुल के साथ संबंध सुधारने के बावजूद अफगान धरती अब भी फितना-अल-ख्वारिज और फितना-अल-हिंदुस्तान जैसे आतंकवादी समूहों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनी हुई है।
मुनीर ने यह बयान उस समय दिया जब पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकी हमले और घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं। लेकिन आलोचकों का कहना है कि मुनीर ने अपने ही देश की हिंसक कार्रवाइयों पर चुप्पी साध ली हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने अपने ही नागरिकों पर हवाई हमले किए थे जिनमें कई निर्दोष लोग मारे गए।
जिरगे के बाद आसिम मुनीर ने कबायली बुजुर्गों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं लेकिन इस बैठक के संदेश ने काबुल में हलचल मचा दी। इसके जवाब में अफगानिस्तान के गृह मंत्री और प्रमुख तालिबानी नेता सिराजुद्दीन हक्कानी ने सख्त चेतावनी दी। हक्कानी ने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान न लिया जाए। अगर हमला हुआ तो हमारी प्रतिक्रिया बहुत विनाशकारी होगी।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान भले ही भारी हथियारों से लैस न हो, लेकिन उसकी जनता अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए तैयार है। हक्कानी ने आगे कहा कि हमारे पास लंबी दूरी की मिसाइलें नहीं हैं फिर भी अगर किसी ने हमला किया तो हम चट्टान की तरह डटे रहेंगे। हमने दुनिया के बादशाहों से लड़ाई की है अपनी सरजमीं की हिफाजत करना हमारे लिए कोई नया काम नहीं है।
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उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में कतर और तुर्की में हुई बैठकों के दौरान अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि उसकी आंतरिक समस्याओं को काबुल से न जोड़ा जाए। समस्या आपकी है, समाधान भी आपके पास है। तो फिर आप इसे हमसे क्यों जोड़ रहे हैं?
इस बीच, पाकिस्तान ने अब अफगानिस्तान में पानी के मुद्दे पर भी चिंता जताई है। तालिबान सरकार कुनार नदी पर एक बड़ा बांध बनाने की योजना पर काम कर रही है, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाली जल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इस पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि तालिबान पाकिस्तान के जल अधिकारों की अनदेखी नहीं कर सकता। इस्लामाबाद के पास जवाब देने के लिए दबाव के हथियार मौजूद हैं।






