NSA अजीत डोभाल, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की चिंता और बढ़ने वाली है। दरअसल, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर जा सकते हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य रूस से शेष बचे हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की जल्द से जल्द आपूर्ति सुनिश्चित करना है। यह कदम पाकिस्तान के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के तीन प्रमुख हथियारों ने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया कि जिसका पॅावर देख पाक घुटने टेक दे। ये तीन हथियार हैं S-400 वायु रक्षा प्रणाली, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और आकाश वायु रक्षा प्रणाली। इनमें से S-400 प्रणाली रूस से खरीदी गई है, जबकि ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के साझा सहयोग से विकसित की गई है, जिसमें भारत की भागीदारी 51 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, आकाश प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और इसे भारत में ही विकसित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, मॉस्को यात्रा के दौरान अजीत डोभाल सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर उच्च स्तर की 13वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। यह बैठक 27 से 29 मई तक मॉस्को में आयोजित होगी, जिसका नेतृत्व रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु करेंगे। इसी दौरान अजीत डोभाल, बाकी बचे दो S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की जल्द डिलीवरी का विषय भी उठाएंगे।
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5 S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए लगभग 35,000 करोड़ रुपये (5.4 अरब डॉलर) का अनुबंध किया था। हालांकि, यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस अब तक केवल 3 यूनिट ही भारत को दे सका है। शेष 2 यूनिट्स की आपूर्ति अभी भी अधूरी है।
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दरअसल, S-400 की ताकत हाल ही में काफी चर्चा में आई, जब इस डिफेंस सिस्टम ने 300 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसने पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की तरफ से आने वाले सभी ड्रोन और मिसाइलों को एस-400 ने हवा में ही ढेर कर दिया और किसी भी हमले को सफल नहीं होने दिया। वहीं, रूस ने इससे भी अधिक उन्नत अगली पीढ़ी का S-500 डिफेंस सिस्टम विकसित कर लिया है, जिसे भारत को बेचना भी चाहता है। यह नया एयर डिफेंस सिस्टम पृथ्वी के निचले कक्षा (लोअर ऑर्बिट) तक मार करने की क्षमता रखता है।
रूस ने भारत को कई बार एस-500 मिसाइल सिस्टम ऑफर किया है। इसके अलावा, रूस ने भारत को SU-57 स्टील्थ फाइटर जेट भी ऑफर किया है। चूंकि रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन इस साल अगस्त तक J-35A पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान पाकिस्तान को सौंप सकता है, ऐसे में सवाल है कि क्या भारत रूस के साथ SU-57 विमान पर चर्चा करेगा।
हालांकि भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में चीन द्वारा पाकिस्तान की मदद को देखते हुए, भारत अपनी रक्षा नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर सकता है।