अजीत डोभाल
बीजिंग: भारत-चीन के 23वें विशेष प्रतिनिधि वार्ता में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल मंगलवार को बीजिंग पहुंच गए। ये वार्ता बुधवार यानी 18 दिसंबर 2024 को हीनी है। विशेष प्रतिनिधि वार्ता का विशेष उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से ज्यादा समय तक प्रभावित रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना है।
अजीत डोभाल अपने चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधियों (SRs) की 23वें दौर की वार्ता करेंगे। इस दौरान पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
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चीन ने क्या कहा
विशेष प्रतिनिधि की वार्ता से पहले चीन ने मंगलवार को बयान जारी किया। कहा कि वह 23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है।
भारत का ये रहेगा फोकस
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर भारत के विशेष प्रतिनिधि (SRs) अजीत डोभाल 18 दिसंबर 2024 को बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष महामहिम वांग यी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री के साथ एसआर की 23वीं बैठक करेंगे। जैसा कि 23 अक्टूबर 2024 को कजान में दोनों नेताओं की बैठक के दौरान सहमति हुई थी। दोनों एसआर सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे। साथ ही सीमा मुद्दे का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से समाधान तलाशेंगे।
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बारे में सवाल पूछा गया। जिसपर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन दोनों नेताओं यानी नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग के बीच बनी अहम आम सहमति को साकार करना हमारा उद्देश्य होगा। वार्ता और संचार के माध्यम से आपसी विश्वास और भरोसा बढ़ाने, अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने और द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ और सतत विकास की ओर फिर से ले जाने के मकसद से भारत के साथ मिलकर काम करने को हम तैयार हैं।