ब्लड मनी के जरिए बच सकती है निमिषा की जान, फोटो: सोशल मीडिया
निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी लेकिन फिलहाल इस पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। इस बीच भारत सरकार उनके परिवार और कई संगठन उन्हें ब्लड मनी यानी ‘दिया’ के जरिए बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। 38 साल की निमिषा प्रिया 2017 में यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुई थीं साल 2020 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और 2023 में अंतिम अपील भी खारिज हो चुकी है फिलहाल वह यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद हैं। अब उनको ब्लड मनी से ही इस सजा से राहत दिलाई जा सकती है।
फिलहाल निमिषा की फांसी को थोड़े समय के लिए टाल दिया गया है। अगर इस समयावधि में पीड़ित परिवार ब्लडमनी स्वीकार कर ले तो निमिषा को माफ किया जा सकता है। निमिषा का मामला यमन में ब्लड मनी के जरिए भारतीय को बचाने का पहला मामला होगा। पीड़ित परिवार चाहे तो निमिषा की जान बच सकती है।
ब्लड मनी को अरबी में दिया कहा जाता है। यह एक इस्लामी शरिया कानून के तहत मान्यता प्राप्त व्यवस्था है इसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है तो वह पीड़ित के परिवार को आर्थिक मुआवजा देकर क्षमा मांग सकता है। अगर परिवार यह मुआवजा स्वीकार कर लेता है तो आरोपी को फांसी से राहत मिल सकती है। बताया जाता है कि कुरान में भी इसका जिक्र है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निमिषा प्रिया का परिवार और कुछ स्वयंसेवी संगठन मिलकर करीब 1 मिलियन डॉलर लगभग 8.5 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अब तक मृतक के परिजनों ने मुआवजे की पेशकश स्वीकार नहीं की है।
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भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह यमन सरकार और पीड़ित परिवार से लगातार संपर्क में है केरल के धार्मिक नेताओं और यमन के सूफी विद्वानों के माध्यम से भी बातचीत की जा रही है ताकि मानवीय आधार पर माफी मिल सके।
इसके पहले में ब्लड मनी देकर लोगों की जान बचाई गई है। कुछ ऐसे मामले निम्नवत हैं-