मारा गया आतंकी सैफुल्लाह, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक घटना ने लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों में तनाव पैदा कर दिया है। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर रजाउल्लाह निजामानी, जिसे सैफुल्लाह खालिद के नाम से भी जाना जाता है आज उसकी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह हमला मटली शहर के फालकारा चौक के पास हुआ, जहां हमलावरों ने उसे घर से बाहर निकलते ही निशाना बनाया और मौके पर ही उसकी हत्या कर दी। अबू सैफुल्लाह खालिद मालन इलाके के रहने वाले थे और लंबे समय तक कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रहे।
आतंकवाद का पर्याय माने जाने वाले सैफुल्लाह के कई परिचित नाम हैं, जिनमें सैफुल्लाह, विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम, खालीद, वनियाल, वाजिद और सलीम भाई शामिल हैं। सैफुल्लाह नेपाल में लश्कर-ए-तैयबा के पूरे आतंकवादी नेटवर्क का संचालन करता था।
कश्मीर जिहाद से वापस आने के बाद, लश्कर-ए-तैयबा ने उसे ‘गाजी अबू सैफुल्लाह’ की उपाधि दी थी। संगठन ने उसे बहुत संवेदनशील माना और उसकी गतिविधियों को सीमित रखने का आदेश दिया था। उसे सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी। अबू सैफुल्लाह भारत में लश्कर के कई बड़े आतंकी हमलों का मुख्य योजनाकार था। ऐसा माना जाता है कि वह कम से कम तीन आतंकवादी हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभा चुका था।
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सैफुल्लाह का मुख्य कार्य लश्कर की आतंकवादी गतिविधियों के लिए जवानों की भर्ती और आर्थिक सहायता प्रदान करना था। उसने नेपाली नागरिक नगमा बानू से शादी भी की थी। सैफुल्लाह लश्कर और जमात-उद-दावा के लिए रिक्रूटमेंट और फंड इकट्ठा करने का काम संभालता था।
सैफुल्लाह भारत में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था, जिनमें रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला, नागपुर में RSS मुख्यालय पर हमला इसके अलावा रामपुर में स्थित CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले और बेंगलुरु के IISc पर हमले की योजना बनाने में भी इसका योगदान था। सूत्रों के अनुसार, रविवार को इसे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के माटली तालुका में मार गिराया गया। यह आतंकवादी नेता नेपाल के रास्ते लश्कर के सदस्यों को भारत में घुसाने का काम भी करता था।