साने ताकाइची बन सकती है जापान की अगली प्रधानमंत्री (फोटो- सोशल मीडिया)
Japan New Prime Minister: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके अचानक इस्तीफे के पिछले महीने हुई संसदीय चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार को माना जा रहा है। साथ ही उनकी अपनी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के अंदर लगातार वो रहे विरोध भी एक बड़ी वजह है।
शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद एलडीपी में नए नेतृत्व के लिए दौड़ शुरू हो गई है, जिसमें विजेता को संसद में वोट के जरिए प्रधानमंत्री चुना जाएगा। हालांकि, अब चूंकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत खो दिया है, एलडीपी नेता का प्रधानमंत्री बनना सुनिश्चित नहीं रह गया है। इसी बीच जापान के उन नेताओं की सूची आई है अगला प्रधानमंत्री बन सकतें।
प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे नाम चल रहा है 64 साल की साने ताकाइची का। अगर वो चुनाव जीत जाती है तो वो जापान के इतिहास की पहली महिला प्रधानमंत्री होगी। वह पार्टी की एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आर्थिक सुरक्षा व आंतरिक मामलों जैसे मंत्रालयों में काम किया है। पिछली बार पार्टी नेतृत्व की दौड़ में वे इशिबा से रन-ऑफ वोट में हार गई थीं।
शिंजिरो कोइज़ुमी 44 साल के एक युवा और करिश्माई नेता हैं, जो जापान के पूर्व प्रधानमंत्री जुनीचिरो कोइज़ुमी के बेटे हैं। उन्होंने खुद को पार्टी में सुधार लाने वाला बताया है। इशिबा के कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने चावल की कीमतों को नियंत्रित करने की नीति चलाई थी। पहले वे पर्यावरण मंत्री भी रह चुके हैं और 2019 में परमाणु रिएक्टरों को हटाने की बात कह चुके हैं।
योशिमासा हयाशी वर्तमान में मुख्य कैबिनेट सचिव हैं और इससे पहले रक्षा, विदेश और कृषि जैसे मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाल चुके हैं। हार्वर्ड शिक्षित और अंतरराष्ट्रीय अनुभव रखने वाले हयाशी एलडीपी नेतृत्व की दौड़ में पहले भी दो बार भाग ले चुके हैं। वे बैंक ऑफ जापान की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं।
सत्ताधारी पार्टी के अलावा विपक्षी नेता भी प्रधानमंत्री के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसमें सबसे आगे योशीहिको नोडा चल रहे हैं। नोडा संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने उपभोग कर को दोगुना कर 10% किया था, लेकिन हाल ही में खाद्य पदार्थों पर टैक्स में अस्थायी कटौती की मांग की है। वे धीरे-धीरे BOJ के प्रोत्साहन कार्यक्रम को समाप्त करने के पक्षधर हैं।
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डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल के नेता हैं। पूर्व वित्त मंत्रालय के अधिकारी तामाकी कर छूट और उपभोग कर में कटौती के ज़रिए वेतन वृद्धि की बात करते हैं। वे रक्षा क्षमताओं के विस्तार और परमाणु ऊर्जा का समर्थन करते हैं। BOJ के प्रोत्साहन पैकेज पर वे सतर्क रुख अपनाने की सलाह देते हैं।