बेंजामिन नेतन्याहू और जो बाइडेन, फोटो: ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: कतर, मिस्र और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में घोषणा करते हुए बताया कि इजरायल और हमास के बीच 15 महीनों से चल रहे युद्ध को खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते की पुष्टि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है। इसमें यह भी बताया गया कि समझौता 19 जनवरी से लागू होगा और साथ ही बंधको की रिहाई भी होगी।
हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के साथ युद्ध विराम समझौता अभी पूरी तरह से तय नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस समझौते के अंतिम बिंदुओं पर अभी काम किया जा रहा है। नेतन्याहू यह बयान उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कतर के प्रधानमंत्री ने गाजा में लंबे समय से चल रहे युद्ध को रोकने और बंधकों की रिहाई की घोषणा की थी।
वहीं, कतर के प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि गाजा में युद्ध विराम रविवार से प्रभावी होगा और समझौते के पहले चरण में 33 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। कतर और अमेरिका दोनों ने इस दिशा में मध्यस्थता की है, ताकि दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित हो सके।
इजरायल और हमास के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध विराम समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों श्रेय लेने की होड़ में हैं। व्हाइट हाउस ने जानकारी दी कि ट्रंप प्रशासन के मध्य पूर्व दूत ने इस समझौते के लिए महीनों तक वार्ता में सक्रिय भाग लिया। डोनाल्ड ट्रंप ने इस अवसर पर दावा किया कि यह समझौता उनकी प्रशासनिक नीति और कूटनीतिक प्रयासों का परिणाम है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह उनके प्रशासन की मेहनत और कुशल रणनीति का परिणाम है। उन्होंने इसे “महाकाव्य युद्ध विराम समझौता” करार देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शांति के प्रयासों का यह एक बड़ा उदाहरण है। ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि यह समझौता दुनिया को संदेश देता है कि उनका प्रशासन शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध था।
इस समझौते को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक महत्वपूर्ण समझौते को लेकर बड़ा दावा किया है। बाइडन का कहना है कि यह समझौता उनके प्रशासन की योजना का हिस्सा था और इसे लागू करने में अमेरिकी कूटनीति की अहम भूमिका रही है।
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जो बाइडन ने स्पष्ट किया कि उनके प्रशासन ने इस समझौते के लिए बातचीत की थी, लेकिन इसे अंतिम रूप देने और लागू करने की जिम्मेदारी ट्रंप प्रशासन को सौंपी गई थी। बाइडन ने कहा, “यह समझौता हमारी कूटनीति और रणनीतिक योजना का परिणाम है। ट्रंप प्रशासन ने इसे लागू करने का कार्य किया।”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन पियरे ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा किइस्राइल और हमास के बीच 15 महीने की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार युद्ध विराम और बंधक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह कदम गाजा में जारी लड़ाई को रोकने और वहां के नागरिकों को जरूरी मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
इस समझौते के तहत उन बंधकों को रिहा किया जाएगा, जो लंबे समय से कैद में थे। इनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। ये बंधक 15 महीने से अधिक समय तक कैद में थे और इस दौरान उन्हें भारी पीड़ा का सामना करना पड़ा। अब उन्हें उनके परिवारों से मिलाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने जानकारी दी है कि समझौता अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है, लेकिन इसके अंतिम विवरण पर तेजी से काम किया जा रहा है। नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस समझौते को आज रात अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बयान में गाजा में फंसे बंधकों की रिहाई के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया गया।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की। उन्होंने गाजा में बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने और समझौता प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए दोनों नेताओं का आभार व्यक्त किया।
7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए अब तक के सबसे बड़े हमले के बाद गाजा में भयंकर युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में अब तक 1,210 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं। हमास ने इस हमले के दौरान इजरायल के 251 लोगों को बंधक बना लिया। इनमें से 94 लोग अब भी गाजा में बंधक हैं। इजरायली सेना के अनुसार, इन बंधकों में से 34 की मृत्यु हो चुकी है।
हमास के अधीन गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इजरायल के सैन्य अभियान में अब तक 46,707 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश नागरिक हैं। यह संघर्ष गाजा के बड़े हिस्से को पूरी तरह से बर्बाद कर चुका है और लाखों लोगों को उनके घरों से बेघर कर दिया है।
वहीं, इस युद्ध ने गाजा की 2.3 मिलियन की युद्ध-पूर्व आबादी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस हिंसा ने न केवल मानवीय जीवन को छीन लिया, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी व्यापक रूप से नष्ट कर दिया है।