
इजरायल का लेबनान में बड़ा हमला, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Israel Lebanon Lebanon: इजरायल और लेबनान के बीच तनाव फिर चरम पर पहुंच गया है। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की कि उसने लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में कहा कि ये ठिकाने पहले भी नष्ट किए जा चुके थे, लेकिन हिज्बुल्लाह फिर से इन जगहों का इस्तेमाल कर रहा था।
आईडीएफ के मुताबिक, हिज्बुल्लाह इन ठिकानों का उपयोग सैन्य उपकरण और मिसाइल तैयार करने के लिए कर रहा था, जो सीजफायर समझौते का खुला उल्लंघन है। इजरायली सेना ने दावा किया कि इस कार्रवाई का मकसद हिज्बुल्लाह की सैन्य क्षमता को कम करना और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिज्बुल्लाह के खिलाफ ये कार्रवाई उस समय की गई जब हमास ने इजरायल के एक बंधक सैनिक स्टाफ सार्जेंट इते चेन के अवशेषों वाला ताबूत सौंपा। इते चेन अमेरिकी नागरिकता वाले अंतिम मृत बंधक थे जिन्हें गाजा पट्टी में बंधक बनाकर रखा गया था।
❗️Israel starts wide-scale airstrikes on southern Lebanese towns Al Akhbar footage shows MASSIVE bombing of Tayr Debba IDF drones also flying over capital Beirut UN warns of ceasefire ‘violations undermining fragile calm’ https://t.co/70QXRPwBlR pic.twitter.com/FLfer1PrY2 — RT (@RT_com) November 6, 2025
वहीं, लेबनान की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। हिज्बुल्लाह ने लेबनान के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और संसद अध्यक्ष को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल के साथ युद्धविराम के नियमों का पालन नहीं कराया गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
पत्र में हिज्बुल्लाह ने सरकार के “हथियारों के एकाधिकार” संबंधी फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम जल्दबाजी में उठाया गया और इससे इजरायल को फायदा हुआ। संगठन का कहना है कि हथियारों को लेकर कोई भी फैसला देश के अंदर आपसी सहमति से होना चाहिए न कि इजरायल या किसी विदेशी दबाव में।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत सीजफायर प्लान का मुद्दा भी फिर चर्चा में है। उस प्लान के तहत बंधकों की रिहाई और हथियार डालने की शर्तें शामिल थीं। इजरायल ने साफ कर दिया है कि जब तक हिज्बुल्लाह और हमास जैसे समूह अपने हथियार नहीं डालते, तब तक सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें:- खतरे की घंटी! लाहौर से 130 किमी दूर… हाफिज सईद के दरबार में पहुंचा पाक मंत्री, मची खलबली
क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पश्चिम एशिया में पहले से मौजूद तनाव को और गहरा सकता है। ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच पहले से ही कई बार झड़पें हो चुकी हैं और अब स्थिति किसी बड़े संघर्ष में बदलने की आशंका जताई जा रही है।






