आयरलैंड में भड़की हिंसा (सोर्स- सोशल मीडिया)
Ireland Protest: आयरलैंड के डबलिन में एक होटल में 10 साल की लड़की के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। यह घटना सिटीवेस्ट होटल के पास हुई, जो शरणार्थियों के रहने का स्थान है। जब 2,000 से ज्यादा लोग प्रदर्शन करने के लिए वहां इकट्ठा हुए, तो स्थिति हिंसक हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस हेलीकॉप्टर को लेजर बीम से निशाना बनाया और एक पुलिस वैन में आग लगा दी। इसके अलावा, पुलिस पर पटाखे और लेजर से हमला किया गया। कुछ प्रदर्शनकारी बगीचे के कांटे लेकर भी दिखे। इस हिंसा के कारण पुलिस ने पहली बार वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने 26 साल के आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो अफ्रीकी मूल का बताया जा रहा है। उसे यौन उत्पीड़न के आरोप में कोर्ट में पेश किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अरबी ट्रांसलेटर की मदद ली, क्योंकि आरोपी अरबी बोलता था।
Gardaí vehicle on fire at Citywest Protest in Dublin Ireland. 🇮🇪 pic.twitter.com/qJaQG6olDi — Human Dilemma (@HumanDilemma_) October 22, 2025
प्रदर्शन शुरुआत में शांतिपूर्वक था, लेकिन धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन में आग लगाई और पत्थर व पटाखे फेंके। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का घेरा तोड़ने के लिए बगीचे के कांटे और अन्य औजारों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन सोशल मीडिया के जरिए आयोजित किया गया था और इसमें हिंसा फैलाने वालों का हाथ था।
पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर अलग-अलग संगठनों द्वारा आयोजित की गई इस सभा के लिए पुलिसवालों को तैनात किया गया था, जो नफरत और हिंसा फैलाते हैं और दूसरों को इसमें शामिल होने के लिए उकसाते और लुभाते हैं।
जस्टिस मिनिस्टर ने की आलोचना
आयरलैंड के जस्टिस मिनिस्टर जिम ओ’कैलाघन ने हिंसा की निंदा की और कहा कि इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें शामिल लोगों को सजा दी जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर शारीरिक हमलों से बचने के लिए इनकैपेसिटेंट स्प्रे का इस्तेमाल किया।
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10 साल की लड़की जो चाइल्ड एंड फैमिली एजेंसी की देखरेख में थी, होटल के पास पाई गई। पुलिस अभी यह जांच कर रही है कि वह वहां कैसे पहुंची। आरोपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप है। यह घटना दो साल पहले डबलिन में हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद आई है, जब एंटी-इमिग्रेंट ग्रुप्स ने बच्चों को निशाना बनाया था।