इजरायल ईरान युद्ध, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच अब कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। ईरान के शीर्ष राजनयिक ने साफ संकेत दिया है कि अगर इजरायल अपने हमले बंद कर देता है, तो ईरान भी अपनी प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए तैयार है। इसी बीच, द जेरूसलम पोस्ट ने एक सूत्र के हवाले से खबर दी है कि ईरान ने ओमान और कतर से मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है, ताकि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर से शुरू हो सके और इजरायल के हमलों पर रोक लगाई जा सके।
वर्तमान में इजरायल और ईरान के बीच भयंकर युद्ध चल रहा है। हाल ही में, इजरायल के हाइफा शहर पर हुए हमले में ईरान ने कुछ नई मिसाइलों का पहली बार युद्ध में उपयोग किया। इनमें इमाद, गदीर और खैबरशेकन मिसाइलें शामिल थीं, जिन्हें ईरान की लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों पक्षों ने पिछली रात एक बार फिर एक-दूसरे के महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले किए। इजरायल ने ईरान की एक प्रमुख गैस फील्ड साइट को निशाना बनाया, जो दुनिया की सबसे बड़ी गैस उत्पादन साइटों में से एक है। इजरायली मिसाइल हमलों की सटीकता के कारण यह साइट आग की चपेट में आ गई, जिससे वहां उत्पादन बंद करना पड़ा। इसके अलावा, इजरायल ने ईरान के कई अन्य स्थानों, जिनमें परमाणु ठिकाने भी शामिल हैं, पर भी हमले किए। अब तक इस संघर्ष में ईरान में 138 लोगों की मौत हो चुकी है।
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ईरान ने पिछली रात 50 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ ने अपने लक्ष्य को भेदा। इस हमले में इजरायल में सात लोगों की मौत हो गई। इसके जवाब में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ईरान नहीं रुका, तो यह सिर्फ शुरुआत है और उन्हें भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा। इजरायल ने ईरान के कई सैन्य अड्डों, परमाणु स्थलों और तेल व गैस डिपो को निशाना बनाया। परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के बाद अब इजरायल का लक्ष्य ईरान की तेल संपदा को कमजोर करना है।