मिस्र में भारतीय सेना की ताकत, फोटो ( सो. आईएएनएस )
Bright Star 2025: मिस्र में बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘ब्राइट स्टार 2025’ का आयोजन हो रहा है, जिसमें कई देशों की सेनाएं भाग ले रही हैं। इस बार भारतीय सैन्य दल भी इस अभ्यास में शामिल है। रविवार को इस अभ्यास की जानकारी देते हुए भारतीय सेना ने बताया कि सुदर्शन चक्र कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद चौहान ने भारतीय दल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अभ्यास स्थल का दौरा किया।
वे मौके पर पहुंचे और भारतीय सेना के दल के साथ बातचीत कर उनके उत्साह और तैयारी की प्रशंसा की। इस दौरान भारतीय दल ने लाइव फायरिंग के जरिए सेना, नौसेना और वायु सेना की संचालन क्षमता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
सैन्य अभ्यास ‘ब्राइट स्टार 2025’ का यह 19वां संस्करण है, जिसका मुख्य उद्देश्य सहभागी देशों के बीच परस्पर संचालन क्षमता को बढ़ाना, रक्षा सहयोग को मजबूत करना और संयुक्त युद्धक कौशल का विकास करना है।
यहां सैन्य दल अभ्यास के दौरान आधुनिक युद्ध तकनीक और रणनीतियों के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय सेनाओं की इस भागीदारी से न केवल मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग और तालमेल मजबूत होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
‘ब्राइट स्टार’ अभ्यास की शुरुआत 1980 में मिस्र और अमेरिका के संयुक्त प्रयास से हुई थी। इसे पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका का सबसे बड़ा त्रि-सेवा बहुपक्षीय अभ्यास माना जाता है, जिसमें हर दो साल में कई देश भाग लेते हैं। इस बार 700 से अधिक भारतीय सशस्त्र बल और मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के अधिकारी ‘ब्राइट स्टार 2025’ में शामिल हैं। यह अभ्यास 10 सितंबर तक चलेगा।
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यहां विभिन्न देशों की सेनाओं की व्यापक सैन्य गतिविधियां चल रही हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य संयुक्त योजना बनाना, निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत करना, परिचालन समन्वय सुधारना और कमांड पोस्ट संचालन का अभ्यास करना है। भारत की तीनों सेनाएँ भी इस अवसर पर आधुनिक युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित छोटे प्रशिक्षण अभ्यास कर रही हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों की इस भागीदारी से क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति देश की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। साथ ही, यह अभ्यास मित्र देशों के साथ सहयोग, इंटरऑपरेबिलिटी और संयुक्त संचालन को बढ़ावा देता है। यह द्विवार्षिक अभ्यास है, जिसका पिछला संस्करण 2023 में आयोजित हुआ था, जिसमें भारत समेत कई देशों के सैनिक शामिल हुए थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)