रियल Life में बेहद खूंखार था रहमान डकैत, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Rehman Dakait Real Life Story: आदित्य धर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘धुरंधर’ इन दिनों दर्शकों के बीच खास चर्चा का विषय बनी हुई है। एक्शन, राजनीति और अंडरवर्ल्ड की कहानी के बीच अक्षय खन्ना का किरदार ‘रहमान डकैत’ सोशल मीडिया से लेकर थिएटर तक छाया हुआ है। दर्शक न सिर्फ तालियां बजा रहे हैं, बल्कि इस किरदार पर रील्स और मीम्स भी बना रहे हैं। लेकिन फिल्मी पर्दे पर दिख रहा यह किरदार हकीकत में कहीं ज्यादा खौफनाक था।
रहमान डकैत का असली नाम सरदार अब्दुल रहमान बलोच था। उसका जन्म 1976 में पाकिस्तान के कराची के कुख्यात लियारी इलाके में हुआ, जिसे लंबे समय तक अपराध, गैंगवार और ड्रग तस्करी का केंद्र माना जाता रहा है। रहमान का परिवार पहले से ही अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था। उसके पिता दाद मोहम्मद और चाचा अवैध धंधों में सक्रिय थे। ऐसे माहौल में पले-बढ़े रहमान के लिए हिंसा सामान्य बात बन गई।
कहा जाता है कि महज 13 साल की उम्र में उसने एक मामूली विवाद में चाकू से हमला किया था। 15 साल की उम्र तक वह हत्या जैसे संगीन अपराधों में शामिल हो चुका था। साल 1995 की एक घटना ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर दिया जब रहमान ने अपनी ही मां खदीजा की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को उसने बताया कि उसकी मां पुलिस की मुखबिर थी। हालांकि, यह भी चर्चा में रहा कि उसे अपनी मां के किसी राइवल गैंग से संबंध होने का शक था। फिल्म ‘धुरंधर’ में इस घटना को बेहद प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया है।
जेल से फरार होने के बाद रहमान ने अपना अपराध साम्राज्य खड़ा किया और 2000 के दशक में वह लियारी का बेताज बादशाह बन गया। ड्रग्स, हथियारों की तस्करी, फिरौती और किडनैपिंग उसके मुख्य धंधे थे। उसके गैंग की क्रूरता इतनी थी कि दुश्मनों के सिर काटकर फुटबॉल खेलने जैसी घटनाओं के किस्से मशहूर हो गए। गैंगवार में करीब 3500 लोगों की मौत हुई।
राजनीतिक संरक्षण हासिल करने के लिए रहमान ने ‘पीपुल्स अमन कमिटी’ बनाई, जिसके संबंध एमक्यूएम और पीपीपी से जोड़े जाते रहे। उसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि दाऊद इब्राहिम जैसे अंडरवर्ल्ड डॉन भी उससे सतर्क रहते थे। रहमान ने तीन शादियां की थीं और उसके 13 बच्चे बताए जाते हैं।
2009 में कराची पुलिस के चर्चित अधिकारी चौधरी असलम ने ऑपरेशन चलाकर रहमान डकैत को क्वेटा के पास एक कथित एनकाउंटर में मार गिराया। वह 80 से ज्यादा मामलों में वांटेड था। उसकी मौत के बाद लियारी में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। दीवारों पर सत्ताधारी पीपीपी के खिलाफ नाराजगी भरे नारे लिखे गए।
सफेद कुर्ते में चौधरी असलम
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बाद में रहमान की पत्नी फरजाना ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। सिंध हाई कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश भी दिया, हालांकि जांच में बाद में पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया गया। आज भी लियारी की गलियों में यह सवाल जिंदा है कि रहमान डकैत सिर्फ एक अपराधी था या फिर सिस्टम की पैदाइश। रहमान डकैत की मौत के कुछ सालों बाद चौधरी असलम को 2014 में तालिबान ने बम से उड़ा दिया।