शहबाज शरीफ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान एक बार फिर अपनी पुरानी नीतियों पर लौटता दिख रहा है पहले भारत में आतंकी हमला करवाना और फिर शांति वार्ता की बात करना। हाल ही में पहलगाम में हुए हमले के बाद जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की, तो पाकिस्तान घबरा गया। भारत की तीव्र प्रतिक्रिया के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि वे भारत के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली थी, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में काम करता है। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बड़ी कार्रवाई की।
चार दिनों तक ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों के बीच हुई झड़प के बाद पाकिस्तान को आखिरकार समझौता करने पर मजबूर होना पड़ा। अब रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए एक भयावह आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों के साथ एक नेपाली नागरिक की भी जान चली गई। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े समूह ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली।
इस हमले के प्रतिउत्तर में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से एक जवाबी सैन्य अभियान शुरू किया। इस ऑपरेशन के अंतर्गत भारतीय बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक हमले किए। इन कार्रवाइयों में 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे गए।
इसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ा फिर भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों की शुरुआत हो गई। भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए गए सभी ड्रोन और मिसाइल हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। साथ ही, पाकिस्तान के कई प्रांतों और शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। चार दिनों तक लगातार चली इन सैन्य कार्रवाइयों के बाद दोनों देशों ने सीजफायर समझौता किया। हालांकि, सीजफायर लागू होने के बाद भी भारत ने पाकिस्तान पर लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साफ बता दिया कि पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव होगी जब पाक अपने देश में चल रहे आतंकवादी नेटवर्क को पूरी तरह समाप्त कर दे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पता है कि उसे क्या करना है। हमारे पास उन आतंकवादियों की सूची है जिन्हें हमें सौंपा जाना है। जब तक आतंकवाद कायम रहेगा, तब तक बातचीत नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि भी तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान में आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।