
पीएम मोदी और शहबाज शरीफ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
इस्लामाबाद: भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जो सख्ती दिखाई है उसके बाद से पाकिस्तान की हालत काफी खराब हो गई है। खासकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। वहां की स्थानीय सरकार ने LoC से लगे 13 इलाकों में नागरिकों को दो महीने का राशन जमा करने का आदेश दिया है। यह कदम साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान को भारत की किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है।
दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना बंकरों में छिपी हुई है और आम लोग भी भय के माहौल में जी रहे हैं। मौजूदा हालात यह दिखाते हैं कि भारत के रुख से पाकिस्तान पूरी तरह से सतर्क और डरा हुआ है।
पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग है भारत ने इस बार भारत जवाबी कार्रवाई में कोई हिचक नहीं दिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पूरी स्वतंत्रता दे दी है, और इसका असर साफ नजर आने लगा है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में मदरसों को बंद कर दिया गया है, सड़कों पर सेना के ट्रक दिखाई दे रहे हैं और राशन की दुकानों पर लंबी लाइनें लगी हुई हैं। पाकिस्तानी नेताओं के बयानों में भारत को लेकर डर साफ झलक रहा है।
पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक ने विधानसभा में यह स्वीकार किया कि पीओके की स्थिति काफी चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए एक अरब पाकिस्तानी रुपये का विशेष फंड तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सैन्य गतिविधि की स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न हो। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी और निजी दोनों तरह की मशीनों को लगाया गया है।
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पाकिस्तान पर पहलगाम हमले का सीधा आरोप लगा है। अब हालात ऐसे हैं कि न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी मान रहा है कि भारत सैन्य कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में जिहाद के नारों की गूंज भी सुनाई दे रही है और वहां की सड़कों पर सेना के पक्ष में रैलियां निकाली जा रही हैं। विरोध प्रदर्शन की आड़ में एक बार फिर से धार्मिक भावनाएं भड़काकर माहौल को उग्र किया जा रहा है।






