
दिल्ली-बीजिंग रिश्तों में नई हलचल, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
India China Diplomacy: भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर पर एक बार फिर सकारात्मक गति देखने को मिली जब विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (ईस्ट एशिया) सुजीत घोष 11–12 दिसंबर को चीन के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग, विदेश मंत्रालय के एशियन अफेयर्स विभाग के डायरेक्टर जनरल और चीनी वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संवाद को आगे बढ़ाना, आपसी विश्वास निर्माण को मजबूत करना और उन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था जहां दोनों देशों की साझा रुचि है। बैठकें रचनात्मक और भविष्य की दिशा तय करने वाली बताई गईं।
दोनों देशों के अधिकारियों ने भारत-चीन संबंधों में नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना। यह भी स्वीकार किया गया कि पिछले महीनों में लोगों से जुड़े मुद्दों, व्यापारिक संपर्कों और संवाद की प्रक्रिया में सकारात्मक प्रगति हुई है जिसे और आगे ले जाने की जरूरत है। भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से एक्सपोर्ट कंट्रोल से जुड़े लंबित मामलों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया।
बैठकों के दौरान आने वाले वर्ष के लिए योजनाबद्ध द्विपक्षीय कार्यक्रमों, संवाद तंत्र और विभिन्न एक्सचेंज गतिविधियों की समीक्षा भी की गई। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास से जुड़े मुद्दों पर भी संक्षिप्त रूप से विचार-विमर्श किया।
चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बीजिंग में उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग और सुजीत घोष की मुलाकात सौहार्दपूर्ण और उपयोगी रही। चीनी पक्ष ने याद दिलाया कि अगस्त में तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों में नई दिशा देने वाली रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश आपसी सम्मान, विश्वास और संवाद को प्राथमिकता देते हुए मतभेदों का बेहतर प्रबंधन करेंगे।
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सुजीत घोष ने कहा कि भारत-चीन संबंध भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और भारत चाहता है कि दोनों देशों के नेता जिस रणनीतिक दृष्टि का मार्गदर्शन दे रहे हैं, उसके अनुरूप संवाद तंत्र को पुनः सक्रिय किया जाए। उन्होंने संस्थागत संवाद को बहाल करने, सहयोग बढ़ाने और रिश्तों में स्थिरता लाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भी अहम चर्चा हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर द्विपक्षीय व्यापार, मार्केट एक्सेस और अन्य लंबित मुद्दों पर बात की। दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में पारदर्शी और संतुलित प्रगति की आवश्यकता पर सहमति जताई।






