तूफान से बर्बाद श्रीलंका का भारत बना सहारा, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Sri Lanka Cyclone Relief India: श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने भारी तबाही मचाई है। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण कई जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। भूस्खलन और सड़क क्षति के चलते कई क्षेत्रों का संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट गया है।
इस कठिन परिस्थिति में पड़ोसी देश भारत ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाते हुए ऑपरेशन सागर बंधु के तहत राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस अभियान पर एक महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर बताया कि भारतीय वायुसेना का एक और C-17 ग्लोबमास्टर विमान श्रीलंका के कोलंबो में उतरा है, जिसमें करीब 55 टन बेली ब्रिज निर्माण सामग्री, एक JCB मशीन और इंजीनियरिंग कोर के 13 जवान शामिल हैं। यह लगातार तीसरी उड़ान थी जो श्रीलंका में क्षतिग्रस्त सड़कों और मार्गों को बहाल करने के लिए बेली ब्रिज यूनिट्स लेकर पहुंची है।
इससे पहले शुक्रवार को भी एक C-17 विमान मेडिकल विशेषज्ञों और इंजीनियरों की 25 सदस्यीय टीम के साथ कोलंबो पहुंचा था। यह टीम कई इलाकों में राहत ढांचे को बहाल करने के कार्य में लगाई गई है।
भारतीय उच्चायोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 3 दिसंबर को भेजा गया भारतीय फील्ड अस्पताल अब कैंडी के पास महियांगनया में पूरी तरह सक्रिय है। अस्पताल ने पहले 24 घंटों में ही चक्रवात से प्रभावित लगभग 400 मरीजों का इलाज किया, जिनमें 55 छोटी प्रक्रियाएं और एक बड़ी सर्जरी शामिल थीं। भारतीय चिकित्सा दल लगातार स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जरूरतमंदों तक त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रहा है।
राहत कार्य केवल चिकित्सकीय दायरे तक सीमित नहीं है। एनडीआरएफ की टीमों ने भी ऑपरेशन सागर बंधु के तहत कई जीवनरक्षक मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। टीमों ने एक दृष्टिबाधित वरिष्ठ नागरिक और एक घायल महिला को सुरक्षित निकाला तथा उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया।
भारत ने 28 नवंबर को चक्रवात दितवाह के कारण श्रीलंका में आई भीषण बाढ़, जनहानि और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के बाद तुरंत सहायता पहल शुरू की थी। इसके तहत भारतीय नौसेना के जहाज INS विक्रांत और INS उदयगिरि राहत सामग्री लेकर श्रीलंका पहुंचे। दोनों युद्धपोतों से तैनात हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया और खोज व बचाव अभियानों को गति दी।
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चक्रवात दितवाह से जूझ रहे श्रीलंका में भारत की यह मानवीय सहायता एक बड़े पड़ोसी सहयोग का उदाहरण बनकर सामने आई है। आने वाले दिनों में राहत और पुनर्वास के लिए भारतीय टीमें अपना अभियान जारी रखेंगी।