
पुतिन ने भारत को रूसी तेल पर दिया बड़ा ऑफर, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
India Russia Relations: भारत और रूस के बीच रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को नई गति देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। पुतिन ने कहा है कि रूस भारत की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए कच्चे तेल का बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत-रूस ऊर्जा व्यापार हाल के महीनों में वैश्विक प्रतिबंधों की वजह से दबाव में रहा है।
राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट कहा कि हम बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ईंधन की बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखने के लिए तैयार हैं। यह घोषणा तब हुई जब दोनों देशों ने खाद्य सुरक्षा, उर्वरक आपूर्ति, शिपिंग और मरीटाइम लॉजिस्टिक्स जैसे कई अहम क्षेत्रों पर समझौते किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दौरान दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और रूस 2030 तक व्यापार वृद्धि के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमत हुए हैं। मोदी ने बताया कि व्यापार को संतुलित और स्थिर बनाने के लिए नए अवसर तलाशे जा रहे हैं।
इसी सप्ताह की शुरुआत में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी संकेत दिया था कि रूस भारत को अपना तेल निर्यात फिर बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते आई गिरावट को अस्थायी करार दिया था।
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत रूस के समुद्री तेल का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा था। लेकिन अमेरिका द्वारा रूसी कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए बैन के बाद भारत ने हाल के महीनों में तेल आयात में कटौती की है। इसके साथ ही यूरोप द्वारा रूसी क्रूड ऑयल से बने पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद पर रोक लगाने का फैसला भी इस व्यापार पर असर डाल रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार 65.70 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 4.26 बिलियन डॉलर और आयात 61.44 बिलियन डॉलर था। दोनों देश अब इस व्यापार को 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
पुतिन ने सांस्कृतिक सहयोग को लेकर भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि दोनों देश फिल्म फेस्टिवल आयोजित कर रहे हैं और एक नया रूसी टीवी चैनल भारत में ब्रॉडकास्ट शुरू करेगा, जिससे भारतीय दर्शकों को रूस के बारे में अधिक जानने का मौका मिलेगा।
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इसके साथ ही पुतिन ने ब्रिक्स पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक फाउंडिंग मेंबर के तौर पर भारत और रूस ने वैश्विक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में अहम भूमिका निभाई है। अगले साल भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा, और रूस हर संभव समर्थन देने के लिए तैयार है। यह बैठक न सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा बल्कि राजनीतिक, कूटनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिहाज से भी दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।






