पाकिस्तान में दहशत का माहौल, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
इस्लामाबाद: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और जबरदस्त हमले कर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया है। इस हमले में कुल 9 स्थानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई है। आतंकवादी संगठनों के प्रमुख सदमे में हैं और गहरा शोक जता रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना का खौफ अभी भी बना हुआ है। वहां स्थित पाकिस्तानी सेना के शिविरों में बत्तियां बुझा दी गई हैं, और अब भी एयर स्ट्राइक की आशंका का माहौल व्याप्त है।
भारतीय सेना ने ऐसा तहलका मचाया है कि पाकिस्तान की सेना भी शोक में डूबी हुई है। बहावलपुर में हुए हमले के बाद आतंकियों की मौत पर पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने शोक संदेश भेजा और फूल चढ़ाए। हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अब तक सामने नहीं आया और न ही वह मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुआ।
बहावलपुर शहर में स्थित मसूद अजहर के मदरसे पर चार मिसाइलों से हमला किया गया। इस हमले में ‘मरकज सुभानअल्लाह’ नामक आतंकवादी अड्डा पूरी तरह नष्ट हो गया। भारत की इस कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ में मसूद अजहर खुद तो बच निकला, लेकिन उसका पूरा परिवार मारा गया। मसूद के कई करीबी साथी भी इस हमले में मारे गए और उनका भी हिसाब पूरा कर दिया गया।
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मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय स्थित है। जब इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया, तो हाफिज सईद ने “जमात-उद-दावा” नाम से एक नया संगठन बनाया, जो दिखावे के तौर पर सामाजिक कार्यों में लगा था, लेकिन वास्तव में वह आतंकी फंडिंग और आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने का काम करता था। इसका नेटवर्क इतना फैला हुआ है कि पाकिस्तान भर में इसके लगभग 2500 मदरसे और कार्यालय फैले हुए हैं। 2008 में पाकिस्तान सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था और FATF ने भी इसे ग्रे लिस्ट में डाल दिया था, इसके बावजूद यह संगठन अलग-अलग नामों से आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा।
साल 2018 में आतंकी संगठनों के नेताओं ने अपने मुख्यालयों और मस्जिदों के नीचे भूमिगत बंकर बनवाए थे, जिनमें रहने और संचार की पूरी व्यवस्था थी। वे इन बंकरों को पूरी तरह सुरक्षित मानते थे। लेकिन जब भारत ने इन पर हमला किया, तो यही बंकर आतंकियों के लिए मौत का फंदा बन गए।
पाकिस्तानी सेना के अनुसार, भारतीय मिसाइल हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए। यह हमला भारतीय सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। जवाबी कार्रवाई के तहत भारत ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित ठिकाना और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा शामिल था।