मुस्लिम देश कुवैत की बात पर सहमत भारत, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
भारत और कुवैत के बीच विमान सेवाओं को लेकर एक नया समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों के बीच हवाई यात्रा की क्षमता में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अब भारत और कुवैत की एयरलाइंस हर हफ्ते 18,000 सीटों का उपयोग कर सकेंगी, जबकि पहले यह संख्या 12,000 थी।
यह द्विपक्षीय समझौता भारत के विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा और कुवैत के डीजीसीए प्रमुख शेख हमूद अल-मुबारक के बीच हुआ। गौरतलब है कि करीब 18 साल बाद कुवैत को इस तरह की बढ़ी हुई हवाई क्षमता मिली है। इससे पहले 2007 में इसकी क्षमता 8,320 से बढ़ाकर 12,000 की गई थी।
यह वृद्धि ऐसे वक्त में की गई है, जब भारत और कुवैत की एयरलाइंस पहले ही अपनी तयशुदा सीटों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर चुकी थीं। एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा, इंडिगो, जज़ीरा एयरवेज और कुवैत एयरवेज मिलकर दोनों देशों के बीच रोज़ाना करीब 40 उड़ानें संचालित करती हैं। इनमें कुवैत एयरवेज 54 साप्ताहिक उड़ानों के साथ सबसे बड़ा सेवा प्रदाता है, जबकि इंडिगो 36 उड़ानों के साथ दूसरे स्थान पर है।
यह भी पढे़ें:- भीषण आग की भेंट चढ़ा इराक का शॉपिंग मॉल, 50 लोग जिंदा जलकर खाक, मचा कोहराम
यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण कुवैत, दुबई सहित खाड़ी के अन्य क्षेत्रों की तरह भारत के साथ हवाई सेवाओं में इजाफा चाहता था। बीते एक साल में भारत ने थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया और उज़्बेकिस्तान जैसे देशों के साथ नए द्विपक्षीय उड़ान समझौते किए हैं।
साल 2014 से ही मोदी सरकार द्विपक्षीय संबंधों के क्षेत्र में ऐसी रणनीति अपना रही है, जो भारतीय एयरलाइनों के हितों को प्राथमिकता देती है और अंतरराष्ट्रीय यात्रा में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत देश के हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए बड़े स्तर पर निवेश किया गया है, ताकि उन्हें वैश्विक हब के रूप में स्थापित किया जा सके।
सरकार के इन प्रयासों में एयर इंडिया और एआई एक्सप्रेस का निजीकरण, अकासा जैसी नई एयरलाइनों को उभरने का अवसर देना, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आई रुकावटों के बावजूद इंडिगो को विस्तार का मौका देना शामिल है।
इसके साथ ही भारत ने कुवैत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने और दोनों देशों के बीच यात्रा को सुगम बनाने के उद्देश्य से ई-वीजा सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। यह पहल भारत के डिजिटल परिवर्तन के लक्ष्य को आगे बढ़ाती है और कुवैत के साथ उसके राजनीतिक व आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करती है।
ई-वीजा के माध्यम से भारत अधिक से अधिक कुवैती नागरिकों को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं और बहुआयामी व्यावसायिक अवसरों की ओर आकर्षित करना चाहता है। यह नई व्यवस्था न केवल व्यक्तिगत यात्रियों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि टूर ऑपरेटरों, अस्पतालों, कॉन्फ्रेंस आयोजकों और शैक्षणिक संस्थानों को भी इससे काफी फायदा मिलेगा।