
लंदन से इमरान खान के बेटे कासिम और सुलेमान जनवरी में पाकिस्तान जाकर अपने पिता से मिलेंगे (सोर्स- सोशल मीडिया)
Imran Khan Jail Conditions: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई (PTI) संस्थापक इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच लंदन में रह रहे उनके दोनों बेटों, कासिम और सुलेमान खान ने अपने पिता से मिलने के लिए पाकिस्तान जाने का बड़ा फैसला लिया है। दोनों भाइयों ने पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन कर दिया है और जनवरी 2026 में उनकी यात्रा की संभावना है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जेल के भीतर इमरान खान के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
लंदन में एक इंटरव्यू के दौरान कासिम खान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने और उनके भाई सुलेमान ने पाकिस्तान जाने के लिए आधिकारिक तौर पर वीजा प्रक्रिया शुरू कर दी है। कासिम के अनुसार, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है जिसमें कहा गया था कि इमरान के बेटों का पाकिस्तान में स्वागत है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक उन्हें वीजा प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जनवरी तक सभी कागजी कार्रवाई पूरी हो जाएगी और वे अपने पिता के पास पहुंच सकेंगे।
इंटरव्यू के दौरान सुलेमान खान ने अपने पिता की जेल कोठरी के बारे में विचलित करने वाली जानकारी साझा की। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान को एक ‘डेथ सेल’ (मृत्यु दंड वाले कैदियों की कोठरी) में रखा गया है, जहां बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं।
सुलेमान के मुताबिक, वहां रोशनी की भारी कमी है और अक्सर जानबूझकर बिजली काट दी जाती है। उन्होंने गंदे पानी और घटिया सफाई व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि ये स्थितियां अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पूरी तरह से उल्लंघन करती हैं और किसी भी कैदी के लिए अपमानजनक हैं।
इमरान खान के बेटों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस समय खुद को बहुत लाचार महसूस कर रहे हैं। कासिम ने बताया कि वे चाहते हैं कि उनके पिता उनके साथ रहकर उनके खेल देखें और सामान्य जीवन बिताएं, लेकिन वे इमरान खान के बड़े लक्ष्यों और जुनून का सम्मान करते हैं।
कासिम के अनुसार, इमरान खान का मुख्य मकसद पाकिस्तान को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना है और इसके लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे अपने पिता से मिलेंगे, तो उनका पहला सवाल यही होगा कि वे उनकी रिहाई के लिए क्या मदद कर सकते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने पिता को सरकार के साथ किसी तरह की ‘डील’ या समझौता करने के लिए मनाएंगे, तो सुलेमान खान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके पिता ऐसे इंसान नहीं हैं जो अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाकर कोई गुप्त समझौता करेंगे।
बेटों को यकीन है कि इमरान खान अपने लक्ष्य के प्रति अडिग हैं और जेल की यातनाएं भी उनके इरादों को नहीं बदल सकतीं। उन्होंने इस बात की आशंका भी जताई कि पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए शायद उन्हें अपने पिता से दोबारा मिलने का मौका कभी न मिले।
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इमरान खान के बेटों का यह कदम और उनके द्वारा दी गई जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की जेल प्रणालियों पर सवाल खड़े कर सकती है। मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक मीडिया की नजर अब जनवरी में होने वाली इस मुलाकात पर टिकी है।
अगर कासिम और सुलेमान को वीजा मिलता है और वे पाकिस्तान पहुंचते हैं, तो यह न केवल इमरान खान के लिए एक भावनात्मक सहारा होगा, बल्कि PTI समर्थकों के लिए भी एक बड़ा राजनीतिक संदेश साबित हो सकता है। फिलहाल, पूरी दुनिया की निगाहें पाकिस्तानी दूतावास के वीजा फैसले पर टिकी हैं।






