हूती विद्रोहियों इजराइल पर दागी मिसाइलें (फोटो- सोशल मीडिया)
साना: यमन के हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर मिसाइल हमला कर तनाव को और बढ़ा दिया है। सोमवार को विद्रोहियों ने इजराइल की ओर 11 मिसाइलें दागकर खुले तौर पर जंग का ऐलान किया। यह हमला इजराइल द्वारा यमन के एक बंदरगाह पर किए गए हवाई हमले के जवाब में किया गया है।
हूती विद्रोहियों ने बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अश्कलोन स्थित एक बिजली पावर प्लांट को अपने हमले का निशाना बनाया। इस हमले से इजराइल साथ अमेरिका की चिंता भी बढ़ गई है। स्थिति को देखते हुए अमेरिका ने इराक में अपने बंकरों में रडार सिस्टम सक्रिय कर दिए हैं। इसके साथ ही पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और अन्य एयर डिफेंस प्रणालियों को भी तैनात किया गया है, ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।
हमले से एक दिन पहले इजराइल ने यमन में हूती ठिकानों पर बमबारी की थी। माना जा रहा है कि यह ताज़ा हमला उसी के जवाब में किया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमन की ओर से एक या दो नहीं बल्कि कुल 11 बैलेस्टिक मिसाइलें दागी गई हैं, जिनमें इजराइल के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है।
🇾🇪/🇮🇱💥 Yemenis responded: #Yemen launched its “largest strikes ever” against #Israel, targeting BenGurion Airport, Ashdod, Ashkelon, and Eilat with 11 ballistic missiles and suicide drones.
Yemen’s army spokesman stated that the attacks successfully achieved their objectives. https://t.co/hYRjrRyHl6 pic.twitter.com/LSVaF1nOVK— IWN (@A7_Mirza) July 7, 2025
यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या सारी ने हमले को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि देश की एयर डिफेंस प्रणाली ने इजरायली फाइटर जेट को सफलतापूर्वक खदेड़ दिया। उनका दावा है कि इजराइल ने यमन के कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन यमनी सेना की जवाबी कार्रवाई के चलते उसे पीछे हटना पड़ा।
याह्या सारी ने इजराइल पर किए गए हमलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमने बेन गुरियन हवाई अड्डे, अशदोद बंदरगाह और अश्कलोन में स्थित एक विद्युत संयंत्र पर हमले के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है।
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उन्होंने बताया कि यमन से छोड़े गए ड्रोन सफलतापूर्वक फिलिस्तीन में अपने निर्धारित लक्ष्यों तक पहुंचे और इजराइल उन्हें रोकने में असमर्थ रहा। याह्या सारी ने इजराइल को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने गलती से भी यमन पर हमला किया, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों का मकसद फिलिस्तीनी लोगों की रक्षा करना है।