
इंडोनेशिया सुमात्रा द्वीप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Heavy Rain in Sumatra Indonesia: इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर मानसूनी बारिश ने एक बार फिर अपना कहर बरपाया है। पिछले हफ्ते हुई मूसलाधार बारिश के चलते कई नदियों के बांध टूट गए, जिससे अचानक बाढ़ आ गई। इस प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं। इस आपदा में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
इंडोनेशिया का सुमात्रा द्वीप इन दिनों भारी मानसूनी बारिश का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से उत्तरी सुमात्रा प्रांत में व्यापक तबाही मची है। पुलिस के बयान के अनुसार, लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा और बांध टूटने से निचले इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई। वहीं, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। कीचड़, चट्टानें और गिरे हुए पेड़ों ने कई गांवों में भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बचावकर्मियों को उत्तरी सुमात्रा प्रांत के छह प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सिबोल्गा शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बुधवार तक कम से कम पांच शव बरामद किए गए हैं और तीन घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। सिबोल्गा में छह भूस्खलनों की वजह से 17 घर और एक कैफे पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं।
पड़ोसी जिले मध्य तपनौली में भी हालात बेहद खराब हैं। यहां भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, बाढ़ के पानी ने लगभग 2,000 घरों और अन्य इमारतों को जलमग्न कर दिया है। दक्षिण तपनौली जिले में भी उखड़े हुए पेड़ों की वजह से एक ग्रामीण की मौत हुई है और एक अन्य घायल हुआ है।
सिबोलगा के पुलिस प्रमुख, एडी इंगंटा ने बताया कि खराब मौसम और लगातार हो रहे भूस्खलनों के कारण बचाव और राहत अभियानों में गंभीर रुकावटें आ रही हैं। कठिन परिस्थितियों के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक सीमित पहुंच बनी हुई है। मंडेलिंग नटाल जिले में एक पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया है और 470 घरों में पानी भर गया है, जबकि नियास द्वीप में एक मुख्य सड़क कीचड़ और मलबे से अवरुद्ध हो गई है।
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पुलिस प्रमुख इंगंटा ने ज्यादा खतरे वाले क्षेत्रों के निवासियों से तुरंत अपने घर खाली करने की अपील की है और लोगों के लिए आपातकालीन आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि लगातार बारिश की वजह से और भी भूस्खलन हो सकते हैं, जिससे खतरा बरकरार है।






