
शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस (सोर्स- सोशल मीडिया)
Awami League Challenges Yunus Govt After Sheikh Hasina Death Sentence: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक ट्राइब्यूनल ने मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद भी, उनकी पार्टी अवामी लीग ने हार नहीं मानी है। पार्टी ने इस सजा को एक साजिश बताते हुए, अंतरिम सरकार के खिलाफ देशव्यापी संघर्ष और आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
बांग्लादेश की बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल ने 17 नवंबर को फांसी की सजा सुनाई। 78 वर्षीय हसीना और उनके पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को यह सजा मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में दी गई है। हालाकि, हसीना की गैर-हाजिरी में हुए इस मुकदमे की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। इस फैसले के बावजूद, हसीना की पार्टी अवामी लीग (Awami League) ने देश में संघर्ष की राह नहीं छोड़ी है।
अवामी लीग ने मंगलवार (25 नवंबर) को घोषणा की कि वह 30 नवंबर तक पूरे बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च आयोजित करेगी। पार्टी ने साफ कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे देश को बचाएंगे। हसीना की पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस फैसले को मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कि यह कदम हसीना और उनकी पार्टी को अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव से बाहर रखने की नीयत से उठाया गया है।
अवामी लीग ने ट्राइब्यूनल के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस से इस्तीफे की मांग की है। पार्टी ने कहा कि उनके जमीनी कार्यकर्ता, राजनीतिक नेता और सहयोगी मिलकर राष्ट्र-विरोधी साजिशों का मुकाबला करेंगे। अवामी लीग का कहना है कि यह मुकदमा फर्जी और मजाक जैसा है, जिसे जनता ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि वे चुनावी प्रक्रिया से स्वतंत्रता सेनानी समर्थक ताकतों को बाहर करने की हर कोशिश का जोरदार विरोध करेंगे।
पार्टी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि बांग्लादेश में धोखे से चुनाव नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो वे इसे हर कीमत पर रोकेंगे। इस ऐलान के साथ ही उन्होंने एक देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है।
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आपको बता दें कि शेख हसीना की सरकार को 5 अगस्त 2024 में छात्रों के हिंसक आंदोलन के बाद सत्ता से हटाया गया था। आंदोलनकारियों पर कड़ी कार्रवाई के आरोपों के चलते ही हसीना और उनके साथियों पर देशद्रोह और मानवता के खिलाफ अपराधों के तहत सैकड़ों आरोप लगाए गए हैं।






