
टेरर नेटवर्क (सोर्स - सोशल मीडिया)
Hamas Building Secret Terror Network Across Europe: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने यूरोप में एक बड़े आतंक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया कि हमास चुपचाप अलग-अलग देशों में हथियार और ऑपरेशनल सेल तैयार कर रहा था। जर्मनी, ऑस्ट्रिया समेत कई देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर संदिग्धों को पकड़ा। इस खुलासे ने यूरोप की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने बताया कि गाजा स्थित आतंकी संगठन हमास पूरे यूरोप में एक ऑपरेशनल नेटवर्क तैयार कर रहा था। यह नेटवर्क पूरी तरह गुप्त सेल के जरिए काम कर रहा था। मोसाद ने यूरोपियन सिक्योरिटी सर्विसेज के साथ मिलकर इस नेटवर्क की जानकारी जुटाई और कई देशों में छापेमारी के दौरान हथियारों के जखीरे भी बरामद किए। जांच के दौरान कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जो इजरायली और यहूदी समुदायों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे।
जर्मनी और ऑस्ट्रिया की एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई कर कई लोगों को हिरासत में लिया। इन लोगों के पास ‘कमांड मिलने पर तुरंत हमला करने’ के लिए तैयार हथियार मिले। ऑस्ट्रिया की DSN सिक्योरिटी सर्विस को वियना में हाथ लगी एक बड़ी सफलता में हैंडगन और विस्फोटक सामग्री का जखीरा मिला। बाद में इसका कनेक्शन मोहम्मद नईम से जुड़ा जो हमास के वरिष्ठ नेता बासेम नईम का बेटा है। बासेम नईम गाजा में हमास लीडर खलील अल-हया के बेहद करीब हैं।
मोसाद ने आरोप लगाया कि हमास का विदेशों में मौजूद नेतृत्व इस पूरे नेटवर्क को चुपचाप सपोर्ट कर रहा है। एजेंसी ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब कतर में मौजूद हमास के नेताओं की गतिविधियों पर शक जताया गया हो। हमास के वरिष्ठ नेता सार्वजनिक रूप से इनकार करते रहे हैं, लेकिन जांच में उनकी सक्रिय भूमिका के संकेत मिलते रहे हैं।
मोसाद ने कतर में मोहम्मद नईम और उनके पिता की मीटिंग का जिक्र किया, जिसे में यूरोप हमास की औपचारिक सहायता का संकेत बताया जा रहा है। जांचकर्ताओं की नजर उन हमास कार्यकर्ताओं पर भी है जो तुर्की में लंबे समय से सक्रिय हैं। जर्मनी ने हाल ही में बुरहान अल-खतीब नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो इससे पहले तुर्की में काम करता था।
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यूरोप की खुफिया एजेंसियां अब सिर्फ गिरफ्तारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन चैरिटी और धार्मिक संस्थानों की भी पड़ताल कर रही हैं जिन पर हमास के लिए फंड जुटाने का शक है। मोसाद का कहना है कि 7 अक्टूबर के इजरायल हमले के बाद हमास ने अपनी विदेशी गतिविधियों को काफी बढ़ा दिया है और ईरान की तरह गुप्त ऑपरेशन सेल बनाने की कोशिश कर रहा है।






