ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम
नवभारत डेस्क: मुंबई हमले का मास्टरमांड कहा जाने वाला तहव्वुर राणा भारत की गिरफ्त में है। एनआईए उसे रिमांड में लेकर 26/11 अटैक के राज उगलवा रही है। तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण ने एक बार फिर से ‘नापाक’ पाकिस्तान की दुनिया के सामने नंगा कर दिया है। पाकिस्तान राणा के प्रत्यर्पण के बाद उससे पल्ला झाड़ रहा है। लेकिन हम राणा ही नहीं आतंकियों की एक ऐसी फेहरिस्त लेकर आए हैं जो उसे आईना दिखाने के लिए काफी है।
तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी ने एक बार फिर पाकिस्तान की करतूतों को उजागर कर दिया है और आतंकियों के लिए पनाहगाह बन चुके इस पड़ोसी देश की असलियत पूरी दुनिया के सामने आ गई है। हालांकि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद पाकिस्तान शर्मिंदगी के कारण उससे पल्ला झाड़ रहा है। पाकिस्तान ने उससे किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए राणा को कनाडा का नागरिक बताया है।
पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती कराने वाले आतंकियों में तहव्वुर राणा अकेला नाम नहीं है। इसमें कई और खूंखार आतंकियों का नाम शामिल है। जिसमे सबसे अव्वल अलकायदा मुखिया ओसाम बिन लादेन का नाम है। जिसने 9/11 जैसे दुनिया को दहला देने वाले आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
ओसामा बिन लादेन (सोर्स- सोशल मीडिया)
अमेरिकी एजेंसियों ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। 11 सितंबर 2001 को लादेन के निर्देश पर दो विमानों ने अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाया था। इस हमले में करीब तीन हजार लोगों की जान चली गई थी। करीब 10 साल बाद अमेरिकी सील कमांडो ने 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर लादेन को मार गिराया। मारने के बाद कन्फर्मेशन के लिए उसका डीएनए टेस्ट भी किया।
नवंबर 2008 को 10 आतंकी समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से मुंबई पहुंचे और छोटे-छोटे समूहों में बंट गए। उन्होंने पहले से तय ठिकानों पर आतंकी हमले किए। इस दौरान आतंकी हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी कराची स्थित कंट्रोल रूम से सैटेलाइट फोन के जरिए इन आतंकियों को निर्देश दे रहे थे। करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में भारतीय सुरक्षा बलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया और कसाब को जिंदा पकड़ लिया।
अजमल आमिर कसाब (सोर्स-सोशल मीडिया)
मुंबई हमले को अंजाम देने वाले कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी। उसे पुणे की यरवदा जेल में दफनाया गया था। इस हमले में भी पाकिस्तान का पूरा हाथ था और लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में पांच जगहों पर हमला किया था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए।
दाऊद इब्राहिम भारत का एक और दुश्मन है जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 1993 के मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम को भी अमेरिका ने आतंकी घोषित किया है। मुंबई धमाकों के बाद दाऊद भारत से भाग गया था। भारत की खुफिया एजेंसियों ने दाऊद के ठिकानों के साथ-साथ उसकी आवाज भी हासिल कर ली है। मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने के बाद वह भारत छोड़कर दुबई भाग गया था।
दाऊद इब्राहिम कासकर (सोर्स- सोशल मीडिया)
इसके बाद उसने पाकिस्तान को अपना ठिकाना बना लिया। अब वह अपने परिवार के साथ वहीं रहता है। भारत में उसके खिलाफ आतंकी हमला, हत्या, अपहरण, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, संगठित अपराध, ड्रग्स, हथियारों की तस्करी जैसे कई मामले दर्ज हैं। साल 2003 में उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था। साल 2011 में उसे एफबीआई और फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया का तीसरा सबसे वांछित भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर भी पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत का एक कारण है। मसूद अजहर भारत में हुए कई आतंकी हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार रहा है। 1998 में कंधार विमान अपहरण, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला और 2001 में देश की संसद पर हमले के पीछे मसूद अजहर का ही हाथ था। इसी वजह से भारत के अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया है।
मौलाना मसूद अजहर (सोर्स- सोशल मीडिया)
पाकिस्तान में आतंकी खुलेआम घूमते हैं और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखिया हाफिज सईद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पाकिस्तान हाफिज को आतंकी नहीं मानता और उसे धार्मिक नेता के तौर पर पेश करता है। जबकि वह मुंबई हमलों के पीछे सबसे बड़ी कड़ी है। हाफिज सईद ने ही आतंकियों को हमले के लिए लालच दिया था और उसी की प्लानिंग के तहत हमला किया गया था।
हाफिज मुहम्मद सईद (सोर्स- सोशल मीडिया)
लश्कर और जमात-उद-दावा का संस्थापक हाफिज सईद लगातार पाकिस्तान में रहकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। हाफिज सईद ने हेडली को मुंबई में रेकी करने का निर्देश दिया था और लखवी के साथ मिलकर आतंकियों की ट्रेनिंग की निगरानी की थी। भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हाफिज सईद और पाकिस्तान को बेनकाब किया है जिसके बाद यूएन और कई देशों ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया है।