इमैनुअल मैक्रों
पेरिस : इजरायल-हिज्बुल्ला के बीच छिड़ी जंग और समूचे मिडिल ईस्ट में मचे घमासान में अब फ्रांस की एंट्री हो चुकी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल से लेबनान में अपने सैन्य अभियान को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
इजरायल और लेबनान के बीच हुई झड़पों में नागरिकों की पीड़ा को देखते हुए, मैक्रों ने अपनी इच्छा व्यक्त की कि लेबनान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को सख्त अनुपालन में बहाल किया जाना चाहिए।
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एलिसी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि उन्होंने UNIFIL (लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल) के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि फ्रांस इस दिशा में काम करने वाले सभी लोगों के साथ खड़ा होगा और बहुत जल्द लेबनानी लोगों और उनके संस्थानों के समर्थन में एक सम्मेलन आयोजित करेगा।
मैक्रों ने एक दीर्घकालिक समझौते पर पहुंचने के अपने दृढ़ संकल्प को भी दोहराया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वार इजरायल और लेबनान के बीच खींची गई ब्लू लाइन के दोनों ओर रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता सुनिश्चित करेगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने जोर देकर कहा, “विस्थापितों को इजरायल के साथ-साथ लेबनान में भी पूरी सुरक्षा के साथ घर लौटने में सक्षम होना चाहिए।” इजरायल पर ईरान के हमले की निंदा करते हुए मैक्रों ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया।
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मंगलवार को यूरोपियन फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने पहले ही इजरायल के हवाई हमलों की निंदा की थी, जिसके कारण दर्जनों बच्चों और महिलाओं सहित कई नागरिक हताहत हुए थे। हाल ही में इजरायल ने बेरूत और उसके उपनगरों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। इसमें उसने हिजबुल्लाह के अधिकारियों निशाना बनाया है।
8 अक्टूबर, 2023 से लेबनान-इजरायल सीमा पर हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच गोलीबारी हो रही है। वहीं, लेबनान स्थित शिया समूह ने गाजा पट्टी में अपने सहयोगी हमास के समर्थन में इजरायल पर रॉकेट दागे थे, जिसके बाद इजरायल ने जवाबी गोलीबारी और हवाई हमले किए थे।