रनिल विक्रमसिंघे (फोटो-सोशल मीडिया)
Former Sri Lankan President arrest: पड़ोसी देश श्रीलंका से बड़ी खबर आ रही है, जहां पूर्व राष्ट्रपति रनिल विक्रम सिंघे को गिरफ्तार कर लिया गया है। मिली जानकारी अनुसार यह एक्शन भ्रष्टाचार से जुड़े के मामले में हुआ है। यह गिरफ्तारी श्रीलंका की राजनीति भूकंप लाने वाली है। मिली जानकारी के अनुसार विक्रमसिंघे को सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में CID ने गिरफ्तार किया है।
वहीं AFP ने पुलिस के हवाले से बताया कि पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे शुक्रवार को वित्तीय अपराध शाखा यानी FCID के पास 2023 के लंदन दौरे जुड़ी पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इसके बाद FCID ने उन्हें कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। रानिल ने 2023 में राष्ट्रपति रहते अपनी पत्नी प्रोफेसर मैत्री विक्रमसिंघे के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए लंदन का दौरा किया था।
सन 2023 में रनिल व्रिकमसिंघे हवाना से वापस आते समय लंदन में रुके थे। जहां उन्होंने जी-77 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। उस दौरान वे पत्नी मैत्री के साथ वॉल्वरहैम्प्टन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। आरोप है कि उन्होंने इस यात्रा में सरकारी धन खर्च किया था। हालांकि विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने पत्नी मैत्री की यात्रा पर निजी धन खर्च किया था। इसके अलावा उनपर यह भी आरोप है कि अपने निजी अंगरक्षकों की सैलरी वह सरकारी खजाने से देते थे। इसी मामले में शुक्रवार को रनिल वित्तीय अपराध शाखा के दफ्तर पहुंचे थे, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
रनिल विक्रमसिंघे 2022 में श्रीलंका में सियासी उथल पुथल के कारण राष्ट्रपति बने थे। 2022 में सितंबर अगस्त के महीने में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। उस समय श्रीलंका आर्थिक रूप से दिवालिया हो गया था। इसके बाद जनता ने विद्रोह कर दिया। जरूरत की मूलभूत चीजें न जुटा पाने के कारण गुस्से में जनता ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। कुछ सप्ताह के श्रीलंका नेतृत्व विहीन हो गया था। इसके बाद गोटाबाया के बचे हुए कार्यकाल के लिए विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति बनाया गया था।
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विक्रमसिंघे को 2022 में देश की अब तक की सबसे खराब वित्तीय मंदी के बाद अर्थव्यवस्था को स्थिर करने का श्रेय दिया जाता है। विक्रमसिंघे पिछले वर्ष सितम्बर में वामपंथी ए.के. दिसानायके से दूसरे दौर तक चले कड़े मुकाबले में चुनाव हार गए थे।