भूकंप-सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
काठमांडू: नेपाल में मंगलवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह भूकंप पश्चिमी नेपाल के कास्की जिले में दोपहर करीब 1 बजकर 59 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 4.7 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, इसका केंद्र कास्की जिले के सिनुवा क्षेत्र में था, जो काठमांडू से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके झटके आसपास के जिलों जैसे तनहु, पर्वत और बागलुंग में भी महसूस किए गए। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है।
अभी 14 मई को भारत के पड़ोसी देश नेपाल के पूर्वी हिस्से सोलुखुम्बु जिले के छेस्कम क्षेत्र में 4.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इसके अगले दिन, 15 मई को भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दोनों ही बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई, और इसका केंद्र सोलुखुम्बु जिले के छेस्कम इलाके में स्थित था।
वहीं, अफगानिस्तान में शनिवार, 17 मई 2025 को शाम 4:26 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई। झटकों के कारण कई इलाकों में लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि इस झटके से किसी नुकसान की खबर नहीं मिली।
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इससे पहले चीन में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 दर्ज की गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की जानकारी के अनुसार, यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 29 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र सतह से करीब 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था, जिसका स्थान 25.05 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 99.72 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था।
हाल के वर्षों में न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। दरअसल, हमारी पृथ्वी के अंदर 7 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार हलचल करती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं या फॉल्ट लाइनों पर टकराती हैं, तो उनके बीच घर्षण उत्पन्न होता है। यह घर्षण एक प्रकार की ऊर्जा को जन्म देता है, जो बाहर निकलने का मार्ग खोजती है। इसी वजह से भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।