शी जिनपिंग, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
बीजिंगः चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नौसेना प्रमुख और एक वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक को शीर्ष पद से हटा दिया है। यह जानकारी चीन की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है। इस कार्रवाई के तहत चीनी नौसेना के प्रमुख स्टाफ अधिकारी, वाइस एडमिरल ली हानजुन और परमाणु वैज्ञानिक डॉ. लियू शिपेंग को राष्ट्रीय जनता कांग्रेस (NPC) से हटा दिया गया है।
यह कार्रवाई चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और रक्षा क्षेत्र में चल रहे सख्त अनुशासनात्मक अभियान का एक हिस्सा समझी जा रही है। इससे पहले भी PLA के कई वरिष्ठ अधिकारियों को अनुशासन भंग करने के आरोपों के आधार पर उनके पदों से हटाया जा चुका है।
NPC की स्थायी समिति ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि नौसेना प्रतिनिधि समूह ने ली हानजुन को 14वीं राष्ट्रीय जन कांग्रेस के प्रतिनिधि पद से हटाने का फैसला किया है। वहीं, गांसू प्रांत की पीपुल्स कांग्रेस ने डॉ. लियू शिपेंग को NPC के उप-प्रतिनिधि पद से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई को चीनी नेतृत्व की सेना और रक्षा शोध संस्थानों में अनुशासन बनाए रखने की कड़ी नीति के तहत देखा जा रहा है।
चीन की सर्वोच्च सैन्य कमान, केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC), से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वरिष्ठ जनरल मियाओ हुआ को भी हटा दिया गया है। मियाओ हुआ PLA में राजनीतिक शिक्षा और विचारधारा संबंधी मामलों की देखरेख करते थे। CMC का नेतृत्व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग करते हैं।
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NPC की सदस्यता से ली शंगऔर लियू याओजुन को हटाए जाने के बाद अब माना जा रहा है कि उनके खिलाफ गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। चीन आमतौर पर अपनी सेना में होने वाली आंतरिक जांच या सजा के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं करता, लेकिन NPC की आधिकारिक घोषणाओं को इन कार्रवाइयों का संकेत माना जाता है। इन निष्कासन और पद से हटाने की कार्रवाइयों से यह संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की सेना और रक्षा तंत्र में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।