
लॉन्च हुई 'गाजी' पनडुब्बी, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
China Submarine Gazi For Pakistan: चीन का पाकिस्तान के प्रति रणनीतिक और रक्षा सहयोग लगातार विस्तार ले रहा है। ताजा घटनाक्रम में चीन ने पाकिस्तान नौसेना के लिए हंगोर क्लास सीरीज की चौथी पनडुब्बी ‘गाजी’ लॉन्च कर दी है। यह लॉन्चिंग चीन के शुआंग्लिउ बेस में की गई। इसकी जानकारी पाकिस्तान के सैन्य मीडिया विंग इंटर-सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बुधवार को साझा की।
यह पनडुब्बी ऐसे समय में लॉन्च की गई है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश की आम जनता महंगाई, खाद्य संकट और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से परेशान है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकताएं हथियारों की खरीद पर केंद्रित नजर आ रही हैं। आलोचकों का कहना है कि जनता की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी कर रक्षा सौदों पर भारी खर्च किया जा रहा है।
‘गाजी’ पनडुब्बी चीन द्वारा निर्मित है और यह तकनीकी हस्तांतरण (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) समझौते के तहत पाकिस्तान नौसेना के लिए बनाई जा रही है। वुहान में आयोजित लॉन्चिंग समारोह में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की मजबूती को दर्शाता है।
पाकिस्तान और चीन के बीच कुल आठ हंगोर क्लास पनडुब्बियों के अधिग्रहण का समझौता हुआ है। इनमें से चार पनडुब्बियां चीन में तैयार की जा रही हैं जबकि शेष चार कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में तकनीकी हस्तांतरण के तहत पाकिस्तान में बनाई जाएंगी। आईएसपीआर के अनुसार, ये पनडुब्बियां अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और आधुनिक सेंसरों से लैस होंगी, जो लंबी दूरी से लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम होंगी।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर के सीडीएफ बनने के बाद से ही पाकिस्तान-चीन रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। चीन का दावा है कि हंगोर क्लास पनडुब्बियां क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में सहायक साबित होंगी।
आईएसपीआर के मुताबिक, ‘गाजी’ के लॉन्च के साथ ही चीन में निर्माणाधीन सभी चार पनडुब्बियां अब कठोर समुद्री परीक्षणों के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और जल्द ही इन्हें पाकिस्तान नौसेना को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले पहली पनडुब्बी अप्रैल 2024 में, दूसरी 15 मार्च को और तीसरी 15 अगस्त को लॉन्च की जा चुकी है।
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हंगोर क्लास पनडुब्बियां डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन हैं, जिनमें एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक शामिल है। यह तकनीक पनडुब्बियों को लंबे समय तक सतह पर आए बिना संचालन की क्षमता देती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह परियोजना न सिर्फ पाकिस्तान-चीन रक्षा सहयोग का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय समुद्री रणनीति में भी अहम भूमिका निभा सकती है।






