चिली में ब्लैकआउट, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
सैंटियागो: दक्षिण अमेरिकी देश चिली में मंगलवार को बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति ठप हो जाने से पूरा देश अंधेरे में डूब गया। इस संकट के चलते यात्री रास्तों में फंसे रह गए, इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं, व्यापारिक गतिविधियां रुक गईं और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है और बुधवार सुबह छह बजे तक अनिवार्य रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया है।
चिली, जो दुनिया में तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, वहां खनन कार्य रोक दिए गए हैं। बिजली से चलने वाले पंप बंद होने के कारण लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, आपातकालीन जनरेटर की सहायता से अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों का संचालन जारी रखा गया है।
गृह मंत्री कैरोलिना टोहा ने बताया कि सरकार यातायात व्यवस्था बनाए रखने और अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अंधेरे में डूबी सड़कों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर रही है। बिजली आपूर्ति बाधित होने के पांच घंटे बीत जाने के बाद भी रात 10 बजे तक कम से कम 70 लाख लोग बिजली से वंचित थे। इसके अलावा, 14 प्रभावित क्षेत्रों में से किसी भी इलाके में बिजली पूरी तरह बहाल नहीं हो सकी थी।
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नेशनल इलेक्ट्रिकल कोऑर्डिनेटर (एनईसी) के अनुसार, उत्तरी चिली के अटाकामा रेगिस्तान से राजधानी सैंटियागो तक बिजली आपूर्ति करने वाली उच्च-वोल्टेज बैकबोन ट्रांसमिशन लाइन में बाधा उत्पन्न हो गई है। हालांकि, एनईसी ने इस व्यवधान के सही कारण की जानकारी नहीं दी है।
चिली में व्यापक बिजली कटौती के कारण अस्पताल, जेल और सरकारी इमारतों को आवश्यक उपकरण चालू रखने के लिए बैकअप जनरेटर का सहारा लेना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि सैंटियागो और अन्य क्षेत्रों, जिनमें तटीय पर्यटन स्थल वालपाराइसो भी शामिल है। वहां से अंधेरे में डूबे मेट्रो स्टेशन और सुरंगों से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में देशभर में बिजली गुल होने के कारण उत्पन्न अफरातफरी देखी गई। कई चौराहों पर ट्रैफिक लाइट बंद होने से यातायात में अव्यवस्था फैल गई, वहीं, लोग भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में रास्ता देखने के लिए अपने मोबाइल फोन की रोशनी का सहारा लेते नजर आए। स्थिति संभालने और इमारतों को खाली कराने के लिए पुलिस को भी तैनात किया गया।