बांग्लादेश फास्ट फैशन व्यवसाय पर संकट फोटो क्रेडिट: Getty Images
ढाका: बांग्लादेश दुनिया के फास्ट फैशन व्यवसाय का धड़कता हुआ दिल माना जाता है। बांग्लादेश के कारखानों से निर्यात किए गए माॅर्ड फैशन के हेनेस एंड मॉरिट्ज, जीएपी और जारा जैसे ब्रैंड के कपड़े दुनिया के कई देशों में क्रेज है।
इस बिजनेस ने बीते तीन दशकों में बांग्लादेश को दुनिया के सबसे गरीब देशों की कतार से निकालकर एक निम्न-मध्यम आय वाला देश बना दिया है। लेकिन मौजूदा समय में देश की हालत खस्ताहाल में है। बांग्लादेश के सालाना 55 अरब डॉलर के वस्त्र उद्योग के सामने भविष्य अधर में है।
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बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से चल रहे विरोध प्रदर्शन और अगस्त महीने में तख्तापलट का असर व्यवसाय में पड़ रहा है। 5 अगस्त को शेख हसीना को सत्ता और बांग्लादेश दोनों को छोड़ना पड़ा था। उन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की मौत भी हो गई थी। इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान कम से कम चार कपड़ा फैक्ट्री में आग लगा दी गई थी।
डिज्नी और अमेरिका के सुपरमार्केट चेन वॉल्मार्ट जैसे तीन बड़े ब्रैंड पहले से ही अगले सीजन के कपड़ों के लिए किसी अन्य जगह की तलाश कर रहे हैं। देश में कपड़ा कारोबारियों के सामने समस्या अब भी बनी हुई है। कामगारों के विरोध की वजह से ढाका की कम से कम 60 मिलों में काम बंद होने की आशंका मंडरा रही है।
मिलों में काम करने वाले कामगारों की मांग है कि उन्हें बेहतर वेतन के अलावा कई अन्य सुविधाएं भी चाहिए। बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में कपड़ा बनाने और निर्यात करने वालों के संगठन के एक निदेशक मोहिउद्दीन रूबेल कहते हैं, देश में हाल की घटना से ब्रैंड्स के भरोसे पर असर पड़ेगा।
मोहिउद्दीन रूबेल वियतनाम जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं कि हो सकता है वो इस बात पर भी विचार करें कि क्या अपने सारे संसाधन एक जगह पर लगा देने चाहिए।
बांग्लादेश में हालिया हंगामे और राजनीतिक उथल पुथल की वजह से इस साल निर्यात में 10 से 20 फीसदी की गिरावट आ सकती है। हालांकि इसे कोई छोटी गिरावट नहीं कही जा सकती। ऐसे में जब बांग्लादेश को निर्यात से होने वाली कमाई का 80 फीसदी हिस्सा फास्ट फैशन एक्सपोर्ट से आता है।
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हालत ये है कि बांग्लादेश में हुई हाल के घटना से कई महीने पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था और इसके कपड़ा उद्योग की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बाद बांग्लादेश में हुई घटना से फास्ट फैशन एक्सपोर्ट पर और चोट पहुंचा है।