शेख हसीना के देश छोड़ के जाने के बाद के हालात
ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद प्रदर्शकारियों का उपद्रव देखने को मिला। कई शहरों में बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी की घटनाएं सामना आई हैं।
ढाका में प्रदर्शकारियों का हुजूम सड़कों पर उतर आया। पीएम आवास समेत कई इमारतों में तोड़फोड़ की गई।
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पीएम और गृह मंत्री के आवास में भी तोड़फोड़
सामने आई तस्वीरों में प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रदर्शकारियों को सामान उठाकर ले जाते हुए भी देखा गया। जबकि कुछ प्रदर्शनकारी आवास में सोफो पर बैठे और सेल्फी लेते नजर आए। यही नहीं शेख हसीना सरकार के गृह मंत्री के आवास में भी तोड़फोड़ की गई।
चीफ जस्टिस के घर में लूटपाट
प्रदर्शनकारी सरकार तक ही नहीं रुके। वे चीफ जस्टिस के घर में भी लूटपाट किए। राजधानी ढाका में बांग्लादेश के चीफ जस्टिस के घर में प्रदर्शनकारियों के द्वारा लूटपाट की गई। प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए बांग्लादेश की पुलिस पूरी तरह फेल दिखी।
पूर्व क्रिकेट कप्तान के घर भी तोड़फोड़-आगजनी
प्रदर्शनकारी यहीं नहीं रुके। वे बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मुर्तजा के घर भी तोड़फाेड़ और आगजनी किए। मुर्तजा ने अलग-अलग फॉर्मेट्स में 117 मैचों में बांग्लादेश क्रिकेट की कप्तानी की है। जो कि उनके देश के लिए ये एक रिकॉर्ड भी है। उन्होंने 2018 में अपनी सियासी पारी शुरू की और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग में शामिल हुए। वह नरैल -2 निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के तौर पर जीत भी हासिल की।
ध्वस्त दिखी पुलिस
प्रदर्शनकारी शहरों में लोगों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करते रहे। पर सड़कों पर कोई पुलिस नहीं आई। यहां तक कि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड के जवानों को भी वापस बुला लिया गया है। वे ड्यूटी पर नहीं हैं। बांग्लादेश की सड़कों पर केवल सेना के जवान ही तैनात हैं, लेकिन उनकी भी तादाद कम है।
सेना प्रमुख ने की अपील
बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। इसके लिए सभी पक्षों से बातचीत की गई है। वहीं बांग्लादेश की मौजूदा हालात पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने चिंता जताई है। साथ ही देश में लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए फौरन कदम उठाने की बात कही है।
क्या है मामला
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के खिलाफ देश के छात्र जुलाई महीने से ही राजधानी ढाका में आंदोलन कर रहे थे। धीरे-धीरे आंदोलन ने व्यापक रूप ले ली। देखते ही देखते आंदोलन काफी उग्र और हिंसक हो गया था। जुलाई महीने में हुए विरोध प्रदर्शन में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। अगस्त महीने में फिर से आंदोलन ने जो पकड़ लिया। बीते रविवार को लगभग 100 मारे गए।
पीएम आवास पर हमला
बांग्लादेश में अबकी ये प्रदर्शन और आंदोलन आरक्षण के साथ-साथ शेख हसीना से पीएम पद से इस्तीफा मांग के लिए थे। ये आंदाेलन एक पल में अराजकता का रूप ले लिया। सोमवार को हजारों प्रदर्शकारी राजधानी ढाका की ओर कूच किए और पीएम आवास पर हमला बोल दिए। उससे पहले ही शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भारत में शरण के लिए चली गईं। भारत से शेख हसीना लंदन जाएंगी।
बांग्लादेश हिंसा (सोर्स:- सोशल मीडिया)
जुलाई महीने के आंदोलन में नहीं पड़ा था असर
पिछले महीने ही शेख हसीना ने इस आंदोलन से निपटने के लिए सेना को तैनात किया था, यही वजह रही कि जुलाई महीने के आंदोलन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। सोमवार को प्रदर्शन में 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने की है।
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