
चुनाव से पहले बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा, (डिजाइन फोटो)
Bangladesh News Hindi: बांग्लादेश आने वाले आम चुनावों से ठीक पहले उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से पहले देश में बढ़ती हिंसा, राजनीतिक टकराव और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति ने आम लोगों से लेकर नेताओं तक में चिंता बढ़ा दी है।
शेख हसीना की सरकार की ‘हिंसक विदाई’ के बाद अंतरिम सरकार की कमान नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के हाथों में है, लेकिन हालात काबू में नहीं दिख रहे।
अंतरिम सरकार बनने के बाद से बांग्लादेश में लगातार आपराधिक और हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। कई शहरों में विरोध प्रदर्शन, टकराव और झड़पों की खबरें हर दिन सुर्खियां बन रही हैं। हालांकि पुलिस अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर अपनी सफाई दे रही है। पुलिस का दावा है कि अपराध इसलिए ज्यादा दिख रहे हैं क्योंकि अब पहले की तुलना में अधिक मामलों को दर्ज किया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि कानून-व्यवस्था में गिरावट उतनी वास्तविक नहीं है जितनी रिपोर्टों में नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि पहले कई आपराधिक घटनाएं दर्ज ही नहीं होती थीं, लेकिन अब लगभग हर मामले को रिकॉर्ड में शामिल किया जा रहा है। इस बदलाव से ऐसा प्रतीत होता है कि अपराध बढ़ गया है, जबकि कुछ इलाकों में हालात पहले से बेहतर हैं।
दूसरी ओर, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे के गंभीर आरोपों ने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है। उनका दावा है कि मुख्य सलाहकार यूनुस के निर्देश पर अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं की जेल के अंदर गैर-न्यायिक हत्याएं की जा रही हैं। इन आरोपों ने अंतरिम सरकार की छवि को और विवादों में ला दिया है।
यह भी पढ़ें:- ऑस्ट्रेलिया संसद में बुर्का पहनकर घुसी सीनेटर, पूरे सदन में मचा हंगामा, कई सांसद हुए आगबबूला
राजनीतिक दलों के बीच तनाव के साथ-साथ आम जनता, शिक्षक और छात्र भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था पर और दबाव बढ़ गया है। यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए कई समूह अपनी मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।






