ईरान का झंडा, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: ईरान अपनी वर्तमान राजधानी तेहरान को बदलने की योजना बना रहा है। इसका प्रमुख कारण तेहरान में लगातार बढ़ती जनसंख्या और शहर के संसाधनों पर बढ़ता दबाव है। इससे तेहरान की सांसें फूलने लगी है। अधिकारियों के पास इस समस्या का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में ईरान ने अपनी राजधानी को ओमान की खाड़ी के नजदीक बिलकुल अलग स्थान पर ले जाने की योजना बनाई है।
हालांकि, 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से कई मौकों पर ईरान की राजधानी को स्थानांतरित करने का विचार सामने आया है, लेकिन भारी वित्तीय और रसद बाधाओं के कारण प्रस्तावों को बार-बार अवास्तविक बताकर टाल दिया गया।
दरअसल जुलाई में पदभार ग्रहण करने वाले सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने तेहरान के बढ़ते समस्याओं का जिक्र करते हुए राजधानी को स्थानांतरित करने के विचार को फिर से पेश किया। इन समस्याओं में ट्रैफिक जाम, पानी की कमी, संसाधनों का गलत प्रबंधन, अत्यधिक वायु प्रदूषण, और भूमि के धीरे-धीरे डूबने की घटनाएं शामिल हैं, जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं या मानव गतिविधियों के कारण हो रही हैं। जनवरी में, सरकार की प्रवक्ता फ़तेमेह मोहजेरानी ने यह जानकारी दी कि अधिकारी राजधानी के स्थानांतरण की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा, “मकरान क्षेत्र पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है,” हालांकि कोई निश्चित समयसीमा नहीं दी गई। मकरान, जो ओमान की खाड़ी पर स्थित एक विशाल अविकसित तटीय क्षेत्र है, यह ईरान के दक्षिणी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत और पड़ोसी होर्मोजगन प्रांत में फैला हुआ है। इसे ईरान की नई राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया जाता रहा है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को अपने भाषण में कहा, “मकरान के इस ‘खोए हुए स्वर्ग’ को ईरान और पूरे क्षेत्र के भविष्य के आर्थिक केंद्र में बदलने की आवश्यकता है।”
सितंबर में, पेजेशकियन ने कहा था कि हमारे पास देश के आर्थिक और राजनीतिक केंद्र को दक्षिण और समुद्र के पास स्थानांतरित करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि तेहरान की समस्याएं वर्तमान नीतियों के चलते और भी गंभीर हो गई हैं। इस स्थानांतरण योजना के पुनः पुनर्जीवित होने से इसके महत्व पर बहस तेज हो गई है, जिसमें कई लोग तेहरान के ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
मकरान, जो अपने मछली पकड़ने वाले गांवों, रेतीले समुद्र तटों और सिकंदर महान के समय से जुड़ी प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, कुछ लोगों के लिए एक आकर्षक स्थान हो सकता है। हालांकि, कई लोग वहां स्थानांतरित होने के विचार का विरोध कर रहे हैं। वहीं, तेहरान के नागरिकों का कहना है कि यह एक गलत कदम होगा क्योंकि तेहरान वास्तव में ईरान का प्रतीक है।