कृत्रिम रेत उत्पादकों से खनन पट्टा अनुमति के लिए आवेदन आमंत्रित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mining Lease: राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक रेत के विकल्प के रूप में एम-सैंड (कृत्रिम रेत) को विकसित करने के लिए नीति घोषित की गई है। इस नीति को लागू करने के लिए एक कार्यपद्धति भी निर्धारित की गई है। इसके अनुसार, सरकारी या सार्वजनिक प्राधिकरणों के स्वामित्व वाली भूमि पर खनन पट्टे की नीलामी की जाएगी और पात्र निविदादाताओं को शत-प्रतिशत एम-सैंड उत्पादन की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए इच्छुक कृत्रिम रेत उत्पादकों से आवेदन मांगे जा रहे हैं।
जिले में कितनी और कौन-कौन सी जमीन उपलब्ध है, इसकी जानकारी एकत्र कर संबंधित विभागों से आवश्यक अनुमति एवं अभिमत प्राप्त किए जाएंगे। नीलामी के लिए उपयुक्त भूमि की जानकारी ‘महाखनिज’ इस ऑनलाइन प्रणाली पर अपलोड की जाएगी और महाराष्ट्र गौण खनिज उत्खनन नियम, नियम 9 के तहत नीलामी प्रक्रिया की जाएगी। जिन निविदादाताओं द्वारा शत-प्रतिशत एम-सैंड उत्पादन की यूनिट स्थापित की जाएगी, उनसे पंजीकृत गारंटी पत्र लेकर नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। एम-सैंड यूनिट हेतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल से आवश्यक अनुमति प्रमाणपत्र, संबंधित क्षेत्र का एन-लेआउट एवं अकृषक प्रमाणपत्र, उद्योग आधार पंजीकरण प्रमाणपत्र, तथा महाराष्ट्र गौण खनिज उत्खनन नियम के अंतर्गत आवश्यक विभिन्न अनुमतियाँ और व्यापारिक लाइसेंस आवश्यक होंगे।
निजी स्वामित्व वाली भूमि पर शत-प्रतिशत एम-सैंड उत्पादन के लिए खनन पट्टा हेतु आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य होंगे़ जिसमें गांव नमूना क्रमांक, आधार कार्ड, आवेदन शुल्क, टोपोशीट नक्शा, गांव का नक्शा, प्रस्तावित खनन क्षेत्र का मापन नक्शा, संबंधित स्थानीय स्वराज संस्था का अनापत्ति प्रमाणपत्र व प्रस्ताव, खनन क्षेत्र का रंगीन फोटोग्राफ, प्रदूषण नियंत्रण मंडल से आवश्यक प्रमाणपत्र एवं अनुमति, पूर्व से अस्तित्व में रहे खनन पट्टों पर एम-सैंड उत्पादन की अनुमति, ऐसी निजी भूमि, जहां पूर्व में खनन पट्टा था, वहां एम-सैंड उत्पादन की अनुमति प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होंगे़ प्रदूषण नियंत्रण मंडल का प्रमाणपत्र, एन-लेआउट व अकृषक प्रमाणपत्र आदेश, गौण खनिज नियमों के अंतर्गत अन्य अनुमतियाँ व व्यापारिक लाइसेंस जरूरी है़
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गौण खनिज के अवैध उत्खनन या परिवहन में दोषी पाए गए व्यक्ति या संस्थाएं इस योजना के अंतर्गत आवेदन नहीं कर सकतीं। सरकार द्वारा एम-सैंड यूनिट धारकों को उद्योग विभाग से मिलने वाली रियायतों के लिए अलग से उद्योग विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। जिले में पहले 50 एम-सैंड यूनिट स्थापित करने वालों को राजस्व व उद्योग विभाग की रियायतों का लाभ मिलेगा। सभी आवश्यक अनुमति मिलने के बाद 6 महीने के भीतर यूनिट शुरू करना अनिवार्य होगा। इच्छुक आवेदक ‘महाखनिज’ कंप्यूटर प्रणाली पर ऑनलाइन आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए जिला खनिज शाखा, कलेक्ट्रेट कार्यालय में संपर्क करें, ऐसा जिलाधिकारी ने सूचित किया है।