सांकेतिक तस्वीर
Afghan-Pak Conflict: पाकिस्तान ने शनिवार को अफगानिस्तान के अंदर तालिबान के ठिकानों पर एक और हवाई हमला किया। इस हमले में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान ने कहा कि यह कार्रवाई उन आतंकवादियों के खिलाफ की गई है जो देश में हमले कर रहे थे। यह हमला ऐसे समय हुआ जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर लागू था और दोहा में शांति वार्ता की तैयारियाँ चल रही थीं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह हवाई हमला पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में मीर अली इलाके के खड्डी किले पर हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया। उस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हाफिज गुल बहादुर गुट ने ली थी। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने इस हमले को नाकाम कर दिया और चारों आतंकियों को मार गिराया।
इससे पहले शुक्रवार रात को भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के उरगुन और बरमल जिलों में हवाई हमले किए थे। साथ ही अंगूर अड्डा इलाके में भी आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि इन हमलों में कई आतंकवादी मारे गए हैं।
पाकिस्तान का कहना है कि सीजफायर का मतलब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करना नहीं है। उसने साफ किया कि आतंकवादी हमलों का जवाब देना उसका अधिकार है। पाकिस्तान ने इससे पहले भी अफगानिस्तान पर किए गए हमलों को लेकर कुछ ऐसा ही बयान दिया था। उनका मानना है कि तालिबान भारत के इशारे पर आतंकी संगठनों को पनाह देने के साथ पाकिस्तान के खिलाफ हमले में साथ देता है।
इन हालिया हमलों के बाद दोहा में होने वाली पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति वार्ता पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह वार्ता कतर की मध्यस्थता से होनी थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति और स्थायित्व लाना था। लेकिन अब दोनों पक्षों के बीच अविश्वास बढ़ गया है।
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सीजफायर को पहले 48 घंटे के लिए लागू किया गया था, जिसे बाद में वार्ता तक बढ़ा दिया गया। अफगानिस्तान की ओर से तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुजाहिद और खुफिया प्रमुख मुल्ला वसीक इस वार्ता में भाग लेने वाले थे।