पांच दिन की चुप्पी के बाद जिनपिंग का बड़ा बयान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
अस्ताना: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पांच दिनों से चल रहे इजरायल-ईरान संघर्ष पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस टकराव को लेकर चिंता जताई और कहा कि बीजिंग इस टकराव से बेहद चिंतित है।
चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि मध्य पूर्व में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के कारण तनाव बढ़ने से चीन चिंतित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन किसी भी ऐसे कार्य का विरोध करता है जो किसी देश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाता हो। गौरतलब है कि चीन लंबे समय से ईरान का प्रमुख राजनीतिक और आर्थिक सहयोगी रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ बातचीत के दौरान शांति और सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सैन्य टकराव किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और क्षेत्र में बढ़ते तनाव से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हितों को नुकसान पहुंचता है। शी जिनपिंग वर्तमान में दूसरे चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अस्ताना में हैं।
इजरायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष अब एक नए चरण में पहुंच गया है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरानी सेना के प्रमुख और इस्लामिक गणतंत्र के शीर्ष अधिकारियों में से एक, अली शादमानी को मार गिराया है। इसके अलावा, इजरायल ने तेहरान स्थित ईरान के सरकारी मीडिया आईआरआईबी न्यूज के मुख्यालय को भी निशाना बनाया है। यह घटना दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है।
उन्होंने दोनों देशों से मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने और जल्द से जल्द संघर्ष को कम करने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि चीन क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए एक सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है तथा वह सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने सोमवार को बताया कि इजरायली हमलों में अब तक 227 ईरानी नागरिकों की जान जा चुकी है। उन्होंने आईआरआईबी न्यूज के मुख्यालय पर हुए इजरायली हमले की पुष्टि करते हुए इसे एक गंभीर अपराध बताया। बाघेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इजरायल ने सरकारी टेलीविजन और रेडियो कंपनी पर हमला करके एक और बर्बर अपराध किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ईरानी नागरिकों पर हो रहे इन हमलों को रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने सुरक्षा परिषद से तत्काल कार्रवाई की मांग की।