महुआ मोइत्रा, फोटो- सोशल मीडिया
Mahua Moitra Controversy: सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर एक तीखी टिप्पणी की, जिसके बाद छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, महुआ ने सफाई दी है कि उनके बयान को गलत समझा गया और यह महज एक मुहावरा था।
महुआ मोइत्रा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि “अमित शाह का गला काटकर टेबल पर रख देना चाहिए क्योंकि वह अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने में नाकाम रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से 15 अगस्त को यह कहा कि घुसपैठ के कारण देश की जनसंख्या संरचना बदल रही है, तब अमित शाह पहली पंक्ति में बैठकर ताली बजा रहे थे और हंस रहे थे।
महुआ ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा है। इस बयान पर विवाद बढ़ गया और छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। राजनीतिक दलों और नेताओं ने उनके बयान को हिंसात्मक और असंवैधानिक करार दिया है।
बयान पर मचे बवाल के बाद महुआ मोइत्रा ने सफाई दी कि उनका इरादा किसी के खिलाफ हिंसा भड़काने का नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका बयान प्रतीकात्मक था और इसे एक मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा- “Idiots don’t understand idioms” यानी मूर्ख लोग मुहावरों को नहीं समझते।
Idioms are not for Idiots. For those asking -here’s my reaction. @CG_Police you just got a slap in the face from HC for last fake case you filed & withdrew it with your tail between your legs. Stop listening to BJP Masters – you will only get egg on your face.@IndiaToday… pic.twitter.com/JyawSxmEd1
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 31, 2025
महुआ ने आगे कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद विदेशी मीडिया में लिखा गया कि “heads will roll”, जिसका मतलब था कि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी, न कि किसी का सच में सिर काटा जाएगा। उन्होंने अपने बयान को इसी संदर्भ में रखने की बात कही।
भाजपा नेताओं ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की भाषा लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और यह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ असंवेदनशीलता को दर्शाती है। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे बयान की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत देखने की बात कही है।
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टीएमसी की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब महुआ मोइत्रा अपने बयानों को लेकर विवादों में आई हैं। इससे पहले भी वह संसद और सार्वजनिक मंचों पर केंद्र सरकार के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल कर चुकी हैं। मामले ने अब कानूनी रूप ले लिया है, और आगे यह देखना होगा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या मामला केवल राजनीतिक बहस तक सीमित रहता है।